बॉम्बे हाईकोर्ट: 6 बार मालिक के आईएमएफएल लाइसेंस निलंबित करने के मामले में राज्य सरकार को नोटिस
- 5 जून को मामले की अगली सुनवाई
- पुणे के किशोर के मामले में प्रतिक्रिया स्वरूप बार एंड रेस्टोरेंट के आईएमएफएल लाइसेंस को निलंबित करने का दावा
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को एक रेस्टोरेंट और बार मालिक के विदेशी शराब (आईएमएफएल) लाइसेंस निलंबित करने के मामले में राज्य सरकार, जिला अधिकारी और आबकारी विभाग के आयुक्त को नोटिस जारी किया है। याचिका में दावा किया गया है कि पुणे के किशोर के मामले में प्रतिक्रिया स्वरूप विदेशी शराब (आईएमएफएल) के लाइसेंस को निलंबित किया गया।
न्यायमूर्ति कमल खाता और न्यायमूर्ति श्याम सी.चांडक की खंडपीठ के समक्ष गुडलक बार और रेस्टोरेंट के मालिक दीपक त्यागी की ओर से वकील वीना थडानी की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि किस नियम के आधार पर बार और रेस्टोरेंट के लाइसेंस निलंबित किए गए? जिनके लाइसेंस निलंबित किए गए हैं, क्या उनके पक्ष सुने गए थे? खंडपीठ ने राज्य सरकार, जिला अधिकारी और आबकारी विभाग के आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 5 जून को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है।
याचिकाकर्ता के वकील वीना थडानी ने दलील दी कि मुंबई शहर के जिलाधिकारी ने पुणे में नाबालिग के नशे में कार से दो लोगों को कुचलने का मामला सामने आने के बाद कई बार एंड रेस्टोरेंट के आईएमएफएल के लाइसेंस को निलंबित कर दिया। यह अवैध और मनमानी पूर्ण कार्रवाई है। उनके लाइसेंस मामूली तकनीकी गड़बड़ियों के कारण निलंबित किए गए हैं। आबकारी अधिकारियों ने कानून का उल्लंघन करते हुए न तो उन्हें नोटिस दिया और न ही उनकी सुनवाई की।
उन्होंने (बार मालिक) ने महाराष्ट्र निषेध अधिनियम 1949 की धारा 137 (2) के तहत राज्य आबकारी आयुक्त के समक्ष लाइसेंस निलंबन पर रोक लगाने के लिए आवेदन किया, तो उन्होंने आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। याचिका में आबकारी विभाग द्वारा कथित रूप से झूठे मामले दर्ज करके और लाइसेंस निलंबित करके लाइसेंस धारकों को परेशान करना शुरू कर दिया गया है। याचिका में निलंबन आदेश को रद्द करने और अंतरिम राहत का अनुरोध किया गया है।