बॉम्बे हाईकोर्ट: शिवसेना के शिंदे गुट की याचिका पर विधानसभा अध्यक्ष समेत उद्धव गुट के 14 विधायकों को नोटिस
- शिवसेना के उद्धव गुट के 14 विधायकों को अयोग्य घोषित नहीं करने का मामला
- 8 फरवरी को मामले की अगली सुनवाई
- शिवसेना के शिंदे गुट की याचिका पर नोटिस
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने शिवसेना के शिंदे गुट की याचिकाओं पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर समेत शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को नोटिस भेजा है। याचिकाओं में नार्वेकर के ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य न ठहराने के फैसले को चुनौती दी गई है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 8 फरवरी को रखी है। न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोश पूनीवाला की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावले द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई।
ठाकरे गुट के 14 विधायकों समेत सभी उत्तरदाताओं को हलफनामा दाखिल करना होगा
खंडपीठ ने ठाकरे गुट के 14 विधायकों समेत सभी उत्तरदाताओं को हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का निर्देश दिया है। अदालत ने 8 फरवरी को मामले की अगली सुनवाई रखा है। गोगावले ने 12 जनवरी को याचिकाएं दायर की थी, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर के आदेश को कानूनी रूप से त्रुटिपूर्ण घोषित करने, रद्द करने और ठाकरे गुट के सभी 14 विधायकों को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध की गई है। जबकि इसी तरह की मांग करते हुए ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
गोगावले की दलील है कि ठाकरे गुट के सदस्यों ने व्हिप का उल्लंघन किया और स्वेच्छा से शिवसेना की सदस्यता छोड़ दी। इसका समर्थन करते हुए दावा किया कि उन्होंने सत्तारूढ़ सरकार को गिराने का प्रयास करते हुए कांग्रेस और राकांपा के सहयोग से शिवसेना सरकार के खिलाफ मतदान किया।
गोगावले के अनुसार विधान सभा अध्यक्ष ने अपने आदेश में गलती से इन दावों को महज आरोप कहकर खारिज कर दिया। याचिका में कहा गया है कि विधान सभा अध्यक्ष गोगावले द्वारा दायर जवाब को पढ़ने में भी विफल रहे, जिसमें प्रतिवादी ने याचिकाकर्ता के आरोपों को स्वीकार किया है।
सिविल याचिकाओं में कैलाश पाटिल, सुनील राउत, विनायक चौधरी, नितिन देशमुख, सुनील प्रभु, वैभव नाइक, संजय पोतनीस, रवींद्र वायकर, उदय सिंह राजपूत, भास्कर जाधव, राहुल पाटिल, रमेश कोरगांवकर और राजन साल्वी समेत 14 विधायकों को पार्टी बनाया गया है।