स्वत: संज्ञान: मुंबई में हरियाली का दायरा घटने के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का नोटिस

  • महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मुख्य वन संरक्षक, मुंबई महापालिका आयुक्त को नोटिस
  • मुंबई में हरियाली का दायरा घटने का मामला

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-19 15:48 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने मुंबई में तेजी से घटती हरियाली के मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, जस्टिस अरुण कुमार त्यागी और जस्टिस डॉ अफ़रोज़ अहमद की पीठ ने सुनवाई करते हुए मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीपी), महाराष्ट्र के प्रधान मुख्य वन संरक्षक, बृहन्मुंबई नगर निगम आयुक्त और मुंबई जिलाधिकारी को नोटिस जारी किया है।

चूंकि यह मामला मुंबई शहर का और यह ट्रिब्यूनल की पश्चिमी जोनल बेंच से संबंधित होने के कारण पीठ ने इसे पश्चिम जोनल बेंच (पुणे) में स्थानांतरित कर दिया और 28 मई को इस बेंच के समक्ष मामले की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। सुनवाई के दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मुंबई महानगर पालिका की तरफ से पेश वकीलों ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा।

एनजीटी ने जिन मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर मामले का स्वत: संज्ञान लिया हैउसके मुताबिक मुंबई में मेट्रो, सड़क परियोजनाओं के निर्माण के लिए 6 वर्षो में 21,000 से अधिक पेडों को काटा गया है। जिससे शहर की हरियाला का 2028 हेक्टेयर दायरा घटा है और इसने प्रति वर्ष 19,640.9 टन कार्बन उत्सर्जन में योगदान दिया है।

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