हाईकोर्ट: कृत्रिम प्लास्टिक फूलों के निर्माण-आयात-बिक्री और उपयोग पर जारी हुआ नोटिस
- केंद्र सहित राज्य सरकार और बीएमसी को नोटिस
- हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का निर्देश
- याचिका में कृत्रिम प्लास्टिक फूलों के उत्पादन, खरीद और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने केंद्र, राज्य सरकार और बीएमसी को नोटिस जारी जवाब मांगा है कि एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध है, तो कृत्रिम प्लास्टिक फूलों के निर्माण, आयात, वितरण, बिक्री और उपयोग किस आधार पर किया जा रहा है। अदालत ने उन्हें हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। जब मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ के समक्ष शुक्रवार को किसानों के हित के लिए काम करने वाली संस्था ग्रोवर्स फ्लावर्स काउंसिल आफ इंडिया की ओर से वकील असीम नाफाडे की दायर याचिका पर सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता के वकील असीम नाफाडे ने दलील दी कि देश भर में उपयोगिता और उच्च कूड़ा-कचरा फैलाने वाली विशिष्ट एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के राष्ट्रव्यापी निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद कृत्रिम प्लास्टिक फूलों का निर्माण, आयात, वितरण, बिक्री और उपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है। लोग हर उत्सव में कृत्रिम प्लास्टिक फूलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे न केवल पर्यावरण को भारी क्षति पहुंच रही है, बल्कि प्राकृतिक फूलों का उत्पादन करने वाले किसानों की आय पर भी असर पर रहा है।
भारत में कृतिम फूलों का आयात चीन, ताइवान, दुबई, श्रीलंका, थाइलैंड, हांगकांग और इटली से बड़े पैमाने पर हो रहा है। राज्य सरकार ने 8 मार्च 2022 को एकल-उपयोग के प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध है, जिसके तहत 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले और 30 माइक्रोन से अधिक प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध है। कृतिम प्लास्टिक फूलों के मामले में इस पर अमल नहीं हो रहा है। पीठ ने केंद्र, राज्य सरकार और मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।