अब बयान से किनारा : शरद पवार के कद का कोई नेता नहीं, लेकिन अपने दम पर सीएम नहीं बन पाए- दिलीप वलसे पाटील

  • दिलीप वलसे पाटील का बयान से किनारा
  • सियासत में मचा बवाल
  • पवार के कद का कोई नेता नहीं, लेकिन अपने दम पर सीएम नहीं बन पाए

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-22 10:42 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार पर निशाना साधने के बाद दिलीप वलसे पाटील अब शरद गुट के निशाने पर आ गए हैं। सोमवार को शरद गुट के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश पार्टी कार्यालय के बाहर वलसे पाटील के खिलाफ प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। दरअसल रविवार को वलसे पाटील ने एक कार्यक्रम में शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा था कि राज्य की जनता ने बहुमत देकर शरद पवार को कभी मुख्यमंत्री नहीं बनाया। हालांकि सोमवार को वलसे पाटील अपने बयान से पलट गए और कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि मीडिया ने उनकी बात को तोड़ मरोड़कर पेश किया था।

शरद पवार के निजी सचिव (पीए) से लेकर राज्य के गृह मंत्री तक का सफर करने वाले दिलीप वलसे पाटील अचानक उस समय चर्चा में आ गए थे जब उन्होंने शरद पवार से बगावत कर अजित पवार का हाथ थाम राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार में मंत्री पद हासिल कर लिया था। रविवार को दिलीप वलसे पाटील ने एक कार्यक्रम में कहा था कि हम सभी मानते हैं कि देश में शरद पवार के कद का कोई नेता नहीं है। लेकिन महाराष्ट्र की जनता ने शरद पवार को कभी बहुमत नहीं दिया। यहां तक की शरद पवार कभी भी अपने दम पर मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। पाटील ने कहा था कि ममता बनर्जी से लेकर मायावती और अरविंद केजरीवाल तक अपने दम पर मुख्यमंत्री बने। इतना बड़ा नेता होते हुए भी शरद पवार सिर्फ 60 से 70 ही विधायक जिता सके।

वलसे पाटील ने बयान से किया किनारा

दिलीप वलसे पाटील के इस बयान के बाद शरद गुट के नेताओं ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें पाटील जैसे नेता से इस तरह के बयान की उम्मीद नहीं थी। राकांपा विधायक और पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने तो यहां तक कह दिया कि पाटील का राजनीतिक भविष्य बनाने के पीछे शरद पवार का हाथ रहा है यह हर कोई जानता है। लेकिन पाटील अपना राजधर्म ही भूल गए हैं। सोमवार को राकांपा प्रदेश कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं ने वलसे पाटील के खिलाफ नारेबाजी की और उनसे अपने बयान पर माफी मांगने की मांग की। वहीं विवाद बढ़ता देख पाटील ने कहा कि उन्होंने ऐसा बयान दिया ही नहीं था। उसका कहने का सन्दर्भ कुछ और था। सिर्फ मीडिया में इसे बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया। 

Tags:    

Similar News