बॉम्बे हाईकोर्ट: गांजा की वाणिज्यिक मात्रा नहीं मिलने पर ड्रग्स मामले में व्यक्ति को मिली जमानत

  • 10 किलो गांजा के साथ पकड़ा गया था आरोपी
  • पुलिस ने दो आरोपियों से जब्त गांजा को वाणिज्यिक मात्रा बता कर एनडीपीएस के तहत की कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-19 09:50 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने 10 किलोग्राम गांजा रखने के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति को इस आधार जमानत दे दी कि पुणे के भारती विद्यापीठ पुलिस कानूनी रूप से आरोपी के पास से जब्त गांजा का वाणिज्यिक मात्रा बताने में विफल रही थी। पुलिस ने दो आरोपियों के पास से जब्त गांजा को मिला कर वाणिज्यिक मात्रा बताया था। न्यायमूर्ति शिवकुमार डिगे की एकल-पीठ ने शुक्रवार को वकील गणेश गुप्ता और वकील दीपक गुप्ता और वकील साहिल घोरपड़े की दायर याचिका पर आरोपी सागर नाना बोरकर को जमानत दे दी। भारती विद्यापीठ पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर सागर बोरकर और सागर हतागले को पिछले साल 9 जनवरी को गांजा की तस्करी के मामले में पकड़ा था। पुलिस ने बोरकर के पास से 10 किलो ग्राम और हतागले के पास से 11 किलो ग्राम गांजा बरामद किया था। पुलिस ने उन्हें नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) के विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से जब्त गांजा को एक साथ मिला कर वाणिज्यिक मात्रा बता कर उन पर एनडीपीएस के तहत कार्रवाई की। पुणे के सेशन कोर्ट ने पुलिस की इसी दलील के आधार पर सागर बोरकर को जमानत देने से इनकार कर दिया था। वकील गणेश गुप्ता ने पीठ के समक्ष यह दलील दी कि बोरकर के पास से केवल 10 किलो गांजा पकड़ा गया था, जो 20 किलो ग्राम के वाणिज्यिक मात्रा से कम है. उस पर एनडीपीएस के अंतर्गत कार्रवाई नहीं किया जा सकता है। अदालत ने पाया कि प्रथम दृष्टया आरोपी के पास से वाणिज्यिक मात्रा नहीं पाई गई है। अदालत ने बोगकर को 25 हजार रुपए के निजी मुचलके पर कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी।

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