सुप्रीम कोर्ट: एनसीपी नेता मलिक की अंतरिम जमानत बरकरार, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिकित्सा के आधार राहत
- मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपी हैं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एवं एनसीपी नेता नवाब मलिक
- मलिक की अंतरिम जमानत बरकरार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपी महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एवं एनसीपी नेता नवाब मलिक को स्वास्थ्य चिकित्सा के आधार पर दी गई अंतरिम जमानत को बरकरार रखा है। नवाब मलिक की यह अंतरिम जमानत अब तब तक लागू रहेगी जब तक बॉम्बे हाईकोर्ट उनके नियमित जमानत के लिए दायर याचिका पर अंतिम फैसला नहीं करता। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस तीशचंद्र मिश्रा की पीठ ने यह आदेश प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू द्वारा यह कहे जाने के बाद पारित किया कि उसे मलिक को अंतरिम जमानत देने में कोई आपत्ति नहीं है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता मलिक के वकील ने अदालत को बताया कि उनक एक फेफड़ा काम करना बंद कर चुका है। इस पर ईडी ने आज मौखिक रुप से यह भी संकेत दिया कि एजेंसी उन्हें नियमित जमानत दिए जाने का भी विरोध नहीं करेगी।
इसके बाद पीठ ने मलिक की स्वास्थ्य चिकित्सा के आधार पर जमानत की पुष्टि करते हुए कहा कि यह आदेश तब तक जारी रहेगा जब तक कि एनसीपी नेता की नियमित जमानत याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा फैसला नहीं हो जाता। इसका मतलब यह है कि मलिक की अंतरिम जमानत के मसले पर अब सुप्रीम कोर्ट कोई सुनवाई नहीं करेगा। गौरतलब है कि मई 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत द्वारा आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद मलिक ने नियमित जमानत के लिए याचिका खारिज किए जाने के बाद मलिक ने राहत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया। जुलाई 2023 में हाईकोर्ट ने मलिक की याचिका खारिज कर दी जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। अगस्त 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने मलिक को दो महीनों की अवधि के लिए अंतरिम जमानत दे दी थी। इसके बाद जनवरी 2024 में छह महीने की अवधि के लिए अंतरिम जमानत के बाद 12 जुलाई को और छह महीने के लिए बढ़ाई गई थी।