जेट एयरवेज कर्ज घोटाला: नरेश गोयल की हैबियस कार्पस याचिका खारिज
- ईडी की गिरफ्तारी को गोयल ने याचिका में दी थी चुनौती
- हैबियस कार्पस याचिका खारिज
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की हैबियस कार्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका खारिज कर दी। याचिका में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गोयल की गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी। गोयल पर केनरा बैंक द्वारा एयरलाइन को दिए गए 538 करोड़ 62 लाख रुपए के कर्ज की कथित हेराफेरी का आरोप है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ ने कहा कि याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता और इसे खारिज किया जाता है। याचिकाकर्ता के लिए अन्य वैधानिक उपाय का लाभ उठाने के लिए खुला है। 70 वर्षीय गोयल ने याचिका में दावा किया था कि इस साल 1 सितंबर को उनकी गिरफ्तारी अवैध थी। उन्होंने मांग की थी कि विशेष अदालत के आदेश को रद्द कर दिया जाए, जिससे उन्हें शुरू में ईडी की हिरासत में और उसके बाद न्यायिक हिरासत में भेजा था।
गोयल की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में दावा किया गया था कि उनकी गिरफ्तारी से संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत व्यक्तिगत स्वतंत्रता के उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया गया है। गोयल ने उन्हें गैरकानूनी और मनमानी हिरासत और कारावास से रिहा करने का निर्देश देने की मांग की थी। 2 और 11 सितंबर के रिमांड आवेदनों और गिरफ्तारी के आदेश को रद्द करने की भी मांग की गयी थी।
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से वकील हितेन वेनेगांवकर ने दावा किया था कि गोयल को गिरफ्तार करते समय सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था। उनकी गिरफ्तारी जरूरी थी, क्योंकि गोयल अपने बयानों और आचरण में बेहद असहयोगी, अड़ियल, टालमटोल करने वाले और संदिग्ध थे। उनके असहयोग के कारण जांच की गति धीमी हो गई थी।