मुंबई: बंद हुई मनपा की टीबी चैंपियन स्कीम, फंड की कमी आई आड़े, कैसे पूरा होगा लक्ष्य
- कैसे पूरा होगा मुंबई को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य
- मरीजों की काउंसलिंग बंद
- परामर्श दाताओं को मानधन नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र सरकार ने देश को टीबी मुक्त करने के लिए साल 2025 तक का लक्ष्य रखा है। लेकिन इसी बीच टीबी रोकथाम के लिए केंद्र सरकार के जरिए दिए जा रहे फंड में करीब 40 फीसदी की कटौती किए जाने की जानकारी सामने आई है। इस कटौती का असर टीबी मरीजों की काउंसलिंग वाली ‘टीबी चैंपियन' योजना पर पड़ा है। इस योजना के लिए निधि न मिलने की वजह से मनपा को अपनी टीबी चैंपियनयोजना बंद करनी पड़ी है, ऐसे में अब टीबी मरीजों को इलाज के लिए काउंसलिंग कैसे की जा सकेगी यह सवाल खड़ा हो गया है।
मुंबई मनपा ने नवंबर 2021 में टीबी चैंपियन योजना शुरू की थी। इस योजना में टीबी मुक्त हो चुके मरीजों को टीबी चैंपियन बनाया गया था। करीब 25 टीबी सर्वाइवर को टीबी चैंपियन बनाया गया था। इन्हें मानधन के रूप में हर महीने 10 हजार रुपए मनपा द्वारा दिये जाते थे। इनका कार्य सहायता समूह बनाना और रोगियों के साथ उनके परिवारों को अपना इलाज नियमित बनाए रखने के लिए परामर्श देना शामिल था।
ईमेल से हुआ खुलासा
मनपा के टीबी उन्मूलन विभाग की टीबी अधिकारी डॉ. वर्षा पुरी द्वारा जून के शुरुआती दिनों में प्रदेश के टीबी उन्मूलन विभाग को भेजे गए एक आंतरिक ईमेल से टीबी चैंपियन योजना को बंद करने का खुलासा हुआ है। ईमेल के जरिये डॉ. वर्षा पूरी ने ‘टीबी चैंपियन' योजना के लिए कोई बजट स्वीकृत नहीं होने के बारे में पूछा तो राज्य टीबी कार्यालय ने सूचित किया कि सेंट्रल टीबी डिवीजन की ओर से योजना बंद करने का निर्देश दिया गया है।
सिर्फ 228 करोड़ रुपए ही मिले
प्रदेश के टीबी उन्मूलन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के लिए केंद्र सरकार 60 फीसदी जबकि राज्य सरकार 40 फीसदी हिस्सा वहन करती है। इस साल विभाग को पूरे प्रदेश के 3 लाख टीबी मरीजों के लिए केंद्र सरकार से सिर्फ 228 करोड़ रुपए का बजट मिला है जो पिछले वर्ष की तुलना में 40 फीसदी कम है।
क्या कहते हैं एक्टिविस्ट
टीबी मरीजों के हित में काम करनेवाले टीबी एक्टिविस्ट गणेश आचार्य ने बताया कि देश भर में टीबी रोगियों के लिए कोई अन्य परामर्श कार्यक्रम नहीं है। मुंबई में शिवड़ी अस्पताल शायद एकमात्र ऐसा अस्पताल है जहां भर्ती मरीजों को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान की जाती है। फंडिंग में कटौती किए जाने से टीबी चैंपियन कार्यक्रम को मनपा को बंद करना पड़ रहा है।
एक दूसरे पर फोड़ रहे है ठीकरा
मनपा स्वास्थ्य विभाग की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने कहा कि राज्य द्वारा वितरित फंडिंग पर मनपा निर्भर है। अब उन्होंने इस कार्यक्रम को फंड नहीं करने का फैसला किया है। राज्य टीबी अधिकारी डॉ. संदीप सांगले ने बताया कि यह कार्यक्रम सीमित होने के कारण इसे रोक दिया गया था। यदि मनपा चाहें तो स्वयं स्वनिधि से इस कार्यक्रम को जारी रख सकती है।