परियोजना: विधानसभा चुनाव से पहले मुंबईकरों को मिल सकती है अंडरग्राउंड मेट्रो की सौगात
- रेलवे के आरडीएसओ ने मेट्रो-3 का टेक्निकल ट्रायल पूरा किया
- इलेक्ट्रिक, सिग्नलिंग और रोलिंग स्टॉक के परीक्षण जारी
- मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त जांच के बाद देंगे सेवा संचालन की अनुमति
- पहले चरण में सीप्झ-बीकेसी के बीच चलेगी अंडरग्राउंड मेट्रो रेल
डिजिटल डेस्क, मुंबई, इन्फ्रास्ट्रक्चर रिपोर्टर। इसी साल अक्टूबर में होनेवाले महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव से पहले मुंबईकरों को अंडरग्राउंड मेट्रो में सफर का तोहफा मिल सकता है। मेट्रो-3 परियोजना के पहले चरण के तहत अंधेरी (पूर्व) के सीप्झ से बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स (बीकेसी) के बीच मेट्रो सेवा शुरू करने की तैयारी की जा रही है। लगभग 9.6 किमी लंबे इस मार्ग का तकनीकी ट्रायल भारतीय रेल के रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) ने पूरा कर लिया है। फिलहाल इलेक्ट्रिक, सिग्नलिंग और रोलिंग स्टॉक के परीक्षण जारी हैं। इसके बाद मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं पर मेट्रो-3 की सुविधाओं को परखेंगे। सब कुछ ठीक रहा तो सीएमआरएस मेट्रो सेवा के संचालन की अनुमति देंगे। महा मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन (एमएमआरसीएल) अधिकारियों को उम्मीद है कि अगस्त तक सभी परीक्षण पूरे हो जाएंगे।
अलग-अलग ट्रायल शुरू
मेट्रो-3 देश की सबसे लंबी अंडरग्राउंड मेट्रो परियोजना है। बीते कई महीने से इस मार्ग पर अलग-अलग ट्रायल किए जा रहे हैं। इस दौरान विभिन्न तकनीकी पहलुओं की जांच की जा रही है। राज्य सरकार चाहती है कि विधानसभा चुनाव से पहले सीप्झ-बीकेसी के बीच मेट्रो सेवा शुरू हो जाए। एमएमआरसीएल के अधिकारी-कर्मचारी इसके लिए अथक मेहनत कर रहे हैं।
कुल लंबाई 33.5 किमी
मेट्रो-3 का नेटवर्क सीप्झ से लेकर कोलाबा तक फैला होगा। इस मार्ग की कुल लंबाई 33.5 किमी होगी। फिलहाल सीप्झ से दक्षिण मुंबई के कफ परेड पहुंचने में कम से कम दो घंटे लगते हैं। मेट्रो-3 का पूरा कॉरिडोर तैयार होने पर यह दूरी 50 मिनट में तय होगी। उम्मीद है कि इस मार्ग से रोजाना 17 लाख लोग सफर करेंगे।
तीन चरणों में शुरू होगा अंडरग्राउंड मेट्रो का परिचालन
पहला चरण: सीप्झ से बीकेसी
स्टेशन : 10
दूसरा चरण: बीकेसी से वर्ली
स्टेशन : 6
तीसरा चरण: साइंस म्यूजियम से कफ परेड
स्टेशन : 11
पहले चरण के लिए 9 मेट्रो रैक
पहले चरण की मेट्रो सेवा के लिए कुल 9 मेट्रो रैक होंगी। इनमें से एक रैक इमरजेंसी के लिए रखी जाएगी। 2 रैक मेंटेनेंस में रहेंगी। बाकी 6 रैक से रोजाना अप-डाउन मिला कर 260 सेवाएं संचालित होंगी। यात्रियों को हर 6.40 मिनट पर मेट्रो ट्रेन मिलेगी।