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Mumbai News: अदालत ने समरी सूट वापस करने की याचिका पर 5 लाख का लगाया जुर्माना
- कहा - कर्ज के हस्तांतरण का निजी लेनदेन वाणिज्यिक विवाद नहीं
- वैरेनियम क्लाउड लिमिटेड को भरना होगा जुर्माना
- रोल्टा प्राइवेट लिमिटेड के साथ आर्थिक लेन-देन का है मामला
Mumbai News बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा कि कर्ज के हस्तांतरण का निजी लेनदेन से उत्पन्न विवाद को वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम 2015 की धारा 2(1)(सी) के तहत वाणिज्यिक विवाद नहीं माना जा सकता है। अदालत ने समरी सूट वापस लेने के लिए याचिका दायर करने वाली कंपनी वैरेनियम क्लाउड लिमिटेड पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय आहूजा की एकल पीठ ने अपने आदेश में वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम (सीसी अधिनियम) की धारा 2(1)(सी) का हवाला दिया, जिसमें प्रावधान है कि वाणिज्यिक विवाद व्यापारियों, बैंकरों, वित्तपोषकों और व्यापारियों के सामान्य लेन-देन से उत्पन्न होता है, जैसे कि व्यापारिक दस्तावेजों से संबंधित लेन-देन जिसमें ऐसे दस्तावेजों का प्रवर्तन और व्याख्या शामिल है। पीठ ने कहा कि रोल्टा लीजिंग सेवाएं प्रदान करने के व्यवसाय में है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि यह 'सामान्य रूप से' एक व्यापारी, बैंकर, वित्तपोषक या व्यापारी के रूप में लेन-देन कर रहा है।
वैरेनियम क्लाउड लिमिटेड कंपनी ने इस आधार पर मुकदमा वापस करने के लिए अंतरिम याचिका दायर किया कि रोल्टा प्राइवेट लिमिटेड (वादी) द्वारा मुकदमा को गलत तरीके से साधारण समरी सूट के रूप में पेश किया गया था। यह एक वाणिज्यिक मुकदमा था और इसलिए इसे वाणिज्यिक न्यायालय के समक्ष दायर किया जाना चाहिए था।
रोल्टा लीजिंग सेवाएं (किसी संपत्ति को किराए पर लेनदेन सेवाएं) प्रदान करने के व्यवसाय में लगी हुई है। उसने कर्ज का हस्तांतरण निजी लेन-देन के लिए वैरेनियम के साथ एक समझौता किया। समझौते के अनुसार वैरेनियम रोल्टा के सुरक्षित वित्तीय कर्ज को अधिग्रहित करेगा और 10 लाख रुपए का भुगतान करेगा। रोल्टा द्वारा 800 करोड़ रुपए बतौर कर्ज वैरेनियम कंपनी को दिए गए। वैरेनियम यह राशि चुकाने में विफल रहा। इसलिए रोल्टा ने ब्याज सहित राशि की वसूली के लिए समरी सूट दायर किया।
Created On :   14 Nov 2024 2:19 PM GMT