Mumbai News: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बदलापुर आरोपी अक्षय शिंदे की मुठभेड़ पर पुलिस भूमिका पर की तल्ख टिप्पणी
- आरोपी को सीधे सिर में गोली क्यों मारी गई
- गोलीबारी टाली जा सकती थी
Mumbai News : बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि बदलापुर बच्ची से दुराचार के आरोपी अक्षय शिंदे की गोली मारकर हत्या की जांच निष्पक्ष की जानी चाहिए। पुलिस ने पहले शिंदे को काबू करने की कोशिश की होती, तो गोलीबारी टाली जा सकती थी। यह विश्वास करना बहुत मुश्किल है कि वह पुलिस अधिकारी से पिस्तौल छीनने और गोली चलाने में कामयाब हो गयी। आरोपी को पहले हाथ या पैर में क्यों नहीं मारी गई, बल्कि उसके सिर में गोली मार दी गई? न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ के समक्ष अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे की ओर से वकील अमीत कटरनवरे की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में अक्षय शिंदे को मुठभेड़ में मारने का दावा करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया गया है। इस दौरान पीठ ने कहा कि अगर उसे लगता है कि जांच ठीक से नहीं की जा रही है, तो वह उचित आदेश पारित करने के लिए बाध्य होगी। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को रखा है।
पीठ ने कहा कि वह इस समय कोई संदेह नहीं जता रही है, लेकिन यह मानना बहुत मुश्किल है कि शिंदे ने पुलिस अधिकारी से पिस्तौल छीन ली और गोली चला दी। पिस्तौल खोलना और उससे गोली चलाना बहुत आसान नहीं है। अक्षय शिंदे की 24 सितंबर को पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में मौत हो गई थी। इसमें फर्जी मुठभेड़ की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने का भी अनुरोध किया गया है।
याचिका में अन्ना शिंदे ने आरोप लगाया कि उनके बेटे की हत्या फर्जी मुठभेड़ में की गई। । 24 वर्षीय शिंदे पर ठाणे के बदलापुर के एक स्कूल में दो बच्चियों के साथ दुराचार करने का आरोप था। पुलिस ने बताया कि उसे सोमवार शाम को नवी मुंबई की तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था। उस समय उसकी पूर्व पत्नी की शिकायत पर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके बाद गोलीबारी की घटना हुई और उसकी मौत हो गई। सरकार ने मंगलवार को कहा कि राज्य सीआईडी अक्षय शिंदे की मौत की जांच करेगी।