Mumbai News: राज्यपाल कोटे से नामित विधायकों पर जल्द होगा फैसला, तीनों दलों ने उम्मीदवारों के नाम तय किए
- धानसभा आचार संहिता से पहले नियुक्ति पर लग सकती है मुहर
- राज्यपाल कोटे से नामित विधायकों पर जल्द होगा फैसला
Mumbai News : सोमदत्त शर्मा। महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राज्यपाल कोटे से विधान परिषद की 12 सीटों को भरने की कवायद तेजी से शुरू हो गई है। सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार में शामिल तीनों ही दलों ने अपने-अपने कोटे के उम्मीदवार तय कर लिए हैं। खबर है कि बहुत जल्द राज्य सरकार नए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को 12 उम्मीदवारों के नाम भेज सकती है। जिस पर राधाकृष्णन लगने वाली चुनाव आचार संहिता से ही पहले फैसला ले सकते हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दोनों उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार इन सीटों पर बंटवारा पहले ही कर चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल कोटे के 12 विधायकों की सीटों के बंटवारे में एकनाथ शिंदे और अजित पवार आपस में चार-चार सीटों की बराबरी चाहते थे, लेकिन अब 3-3 पर बात बन गई है। जबकि भाजपा के खाते में 6 सीटें आई हैं। राकांपा (अजित) के एक नेता ने बताया कि तीनों ही दलों ने इस मामले को सुलझा लिया है और अपने-अपने नेताओं के नाम भी तय कर लिए हैं। बस अगले कुछ दिनों में इन नामों को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। कुछ दिनों पहले अजित पवार ने भी पत्रकारों से अनौपचारिक मुलाकात में कहा था कि राज्यपाल कोटे से नामित विधायकों की नियुक्ति सितंबर के आखिर में हो सकती है, बशर्ते तीनों ही दलों में इसके बंटवारे पर सहमति बन जाए।
क्या कहते हैं कानून के जानकार?
बॉम्बे हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील महमूद आब्दी ने कहा कि राज्य में जब महाविकास आघाडी की सरकार थी तो उद्धव ठाकरे ने तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास 12 उम्मीदवारों की एक लिस्ट भेजी थी। लेकिन कोश्यारी ने उस पर कोई फैसला नहीं लिया। फिर यह मामला है हाई कोर्ट में पहुंच गया। आब्दी ने कहा कि मौजूदा राज्यपाल राधाकृष्णन के पास आघाडी सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को नकारने का एक तरीका है। अगर राज्यपाल यह सूची मौजूदा राज्य सरकार के पास पुनर्विचार के लिए भेज देते हैं तो शिंदे सरकार इस सूची में संशोधन कर दूसरी सूची राज्यपाल के पास भेज सकती है। ऐसा करने से अदालत की कार्यवाही की भी अवहेलना नहीं होगी और महायुति की सरकार अपने उम्मीदवारों का चयन करा लेगी।
4 साल से अटका है राज्यपाल नामित विधायकों का मामला
दरअसल राज्य विधान परिषद में राज्यपाल के कोटे वाले 12 विधायकों के पद पिछले 4 साल से अधिक समय से खाली हैं। 6 नवंबर 2020 को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को महाविकास आघाडी के 12 उम्मीदवारों की एक सूची भेजी थी, लेकिन उस पर आज तक फैसला नहीं हुआ है। कोश्यारी के बाद रमेश बैस भी विधायकों की नियुक्ति पर कोई फैसला नहीं ले पाए। ऐसे में नवनियुक्त राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन को इन विधायकों की नियुक्ति के बारे में फैसला लेना होगा। अगर मौजूदा सरकार अपने कार्यकाल में 12 विधायकों की नियुक्ति नहीं कर पाई तो फिर यह मौका आगामी सरकार को मिलेगा। वैसे राज्यपाल द्वारा नामित किए जाने वाले 12 नाम के प्रस्ताव को पहले कैबिनेट की मंजूरी दी जाती है। उसके बाद मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर के बाद लिस्ट को राज्यपाल के पास भेजा जाता है। जिसे मंजूरी राज्यपाल देते हैं।