स्वास्थ्य: मानसून के दौरान मलेरिया नियंत्रण के लिए मुंबई मनपा की पहल, स्वास्थ्य मॉनिटरिंग कर रोकेंगे प्रसार

  • मलेरिया मरीजों का फोन और घर जाकर हाल जानेंगेमनपा कर्मचारी
  • मरीजों की वार्ड स्तर पर होगी ट्रैकिंग

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-01 16:31 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मानसून की दस्तक के साथ ही मलेरिया-डेंगू बीमारी के मामले भी बढ़ने लगे हैं। इसकी रोकथाम के लिए मनपा स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न उपाय योजनाएंबनाई हैं। इसी कड़ी में अब मलेरिया मरीजों की निगरानी भी स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की है। इसके लिए वार्ड स्तर पर मलेरिया सर्विलांस टीम बनाई गई है। यह टीम न सिर्फ फोन पर बल्कि मलेरिया मरीजों के घरों पर जाकर स्वास्थ की मॉनिटरिंग करने के साथ-साथ वे नियमित दवा ले रहे है कि नहीं यह भी जानेगी।

मानसून में मुंबईकरों को कोई परेशानी न हो इसके लिए मुंबई मनपा का स्वास्थ्य विभाग दो महीने पहले से ही तैयारी शुरू कर देता है। मनपा स्वास्थ्य विभाग की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने बताया कि इस बार मानसूनी बीमारियों से निपटने के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं, जिसमें खास ध्यान डेंगू और मलेरिया बीमारी को लेकर रखा गया है। डॉ. दक्षा ने बताया कि मलेरिया पॉजिटिव आने के बाद 14 दिन का उपचार कोर्स पूरा करना होता है। लेकिन निजी अस्पतालों में इलाज करानेवाले मरीज अक्सर अपना कोर्स पूरा नहीं करते हैं। इसलिए ऐसे मरीजों की वार्ड स्तर पर निगरानी की जाएगी। उन्होंने बताया कि इन मरीजों को वार्ड स्तर पर गठित मलेरिया सर्विलांस टीम रोजाना एक फोन कॉल करेगी। इस फोन के जरिए टीम यह जानेगी की कि वे नियमित दवा ले रहे हैं कि नहीं? इसके अलावा सप्ताह के हर तीसरे दिन सर्विलांस टीम मरीजों के घर जाकर उनके स्वास्थ्य का हाल जानेगी और यह सुनिश्चित भी करेगी कि वे मलेरिया प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं कि नहीं।

इसलिए उठाया गया कदम

डॉ. दक्षा ने बताया कि मलेरिया उपचार का कोर्स पूरा न करने से मरीज बीमारीसे पूरी तरह ठीक नहीं होते हैं, ऐसे में अगर मच्छर संबंधित मरीज को डंक मारने के बाद दूसरे व्यक्ति को डंक मार दे तो उसे भी मलेरिया हो जाएगा। इसलिए इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

इलाकों की मॉनिटरिंग

मनपा के अनुसार मानसून में मलेरिया और डेंगू से निपटने के लिए एक माइक्रो प्लान तैयार किया गया है। इस माइक्रो प्लान के तहत स्वास्थ्य विभाग उन इलाकों की ज्यादा मॉनिटरिंग कर रहा है जहां मलेरिया-डेंगू के मामले ज्यादा मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि संबंधित इलाकों में मलेरिया-डेंगू के मामले ज्यादा मिलने के कारणों काभी पता लगाया जाएगा।

रोजाना 35 मरीज आ रहे सामने

राज्य के स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से लेकर 21 जून तक मुंबई में मलेरिया के 2,484 मरीज मिले हैं। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में मुंबई में 1,808 मरीज मिले थे। इस संख्याका अगर आकलन करें तो बीते वर्ष मुंबई में रोजाना मलेरिया के 25 मरीज मिलते थे जो वर्ष 2024 में बढ़कर 35 तक पहुंच गए है।

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