जाली नोट मामला: सेशन कोर्ट से मुंबई क्राइम ब्रांच को लगा बड़ा झटका, चार आरोपियों को किया बरी

  • अदालत ने भारतीय चलन के फर्जी नोट के मामले में चार आरोपियों को किया बरी
  • भारतीय चलन के 34 लाख रुपए की जाली नोट
  • आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत का अभाव

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-08 12:15 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच को सेशन कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने भारतीय चलन के 34 लाख रुपए की जाली नोट के मामले में चार आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने पाया कि प्रथम दृष्टया आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत का अभाव है।

क्राइम ब्रांच की घाटकोपर यूनिट को सूचना मिली थी कि विक्रोली (पूर्व) इस्टेर्न एक्सप्रेस हाईवे पर प्रवीण होटल के पास दो लोग भारतीय चलन के जाली नोट सप्लाई करने के लिए आने वाले हैं।

क्राइम ब्रांच की टीम ने 26 जनवरी 2021 को दो संदिग्धों को पकड़ा। उनके पास से जाली नोट बरामद हुई। आरोपियों की पहचान पालघर के महेंद्र तुकाराम खानडसकर और अब्दुल कालू खान के रूप में हुई। उनसे पूछताछ के बाद दो और आरोपियों फारुख चौधरी और अमीन शेख को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने आरोपियों के पास से 34 लाख रुपए के जाली नोट बरामद करने का दावा किया। पुलिस ने उसी साल उनके खिलाफ अदालत में 26 अप्रैल आरोप पत्र दाखिल किया था और 3 मई को आरोप तय किया था।

अतिरिक्त न्यायाधीश बी.डी.शेलके के समक्ष मामले की सुनवाई शुरू हुई। आरोपियों की ओर से वकील प्रियतोष तिवारी ने अदालत में दलील दी कि पुलिस ने आरोपियों के घर से जाली नोट बरामद करने का दावा किया है। जबकि पुलिस ऐसा कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर सकी कि पुलिस को आरोपियों के घर से ही जाली नोट मिले थे।

पुलिस ने जिन गवाहों को अदालत में पेश किया था,उनके बयान से भी यह साबित नहीं हो सका। न्यायाधीश शेलके ने सबूतों के अभाव में चारो आरोपियों को जाली नोट के मामले में बरी कर दिया।

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