निशाना: सांसद शिंदे ने कहा - भले ही कांग्रेस के आंकडे कम हैं, लेकिन उसकी अकड़ बढ़ गई है

  • शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे का निशाना
  • लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर थी चर्चा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-02 11:59 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस और लोकसभा प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सौ का आंकडा भी पार नहीं कर सकी। कांग्रेस के आंकडे कम है, लेकिन इस बार उनकी अकड़ बढ़ गई है। जबकि उनको आत्मचिंतन करने की जरूरत है।

सांसद शिंदे ने कहा कि लोकसभा चुनाव ने संदेश दिया है कि कांग्रेस अकेले लड़े या इंडिया गठबंधन में शामिल होकर लड़े, उसे विपक्ष में ही रहना है। जनता ने कांग्रेस पर नहीं, मोदी पर विश्वास जताया है और वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। शिंदे ने कहा कि संविधान खतरे में होने का झूठा विमर्श गढ़कर बार-बार जनता को भ्रमित नहीं किया जा सकता।

शिंदे ने कहा कि शिवसेना एनडीए में सबसे पुरानी सहयोगी है और वह पार्टी संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के समय और उनके बाद भी एनडीए में शामिल है। उन्होंने कहा कि पिछले दस साल में देश में ऐतिहासिक और सकारात्मक कार्य हुए हैं और अगले पांच साल में उससे से अधिक काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में होंगे।

जातिगत जनगणना कराई जाए – सांसद कोल्हे

राकांपा (एसपी) सांसद अमोल कोल्हे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में भाग लेते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर जनता में आक्रोश है। वहीं ओबीसी कोटे से मराठा आरक्षण दिए जाने के मुद्दे को लेकर अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों में चिंता का वातावरण है। उन्होंने सरकार से मांग की कि देश में जातिगत जनगणना कराई जाए और मराठा को भी आरक्षण दिया जाए।

चुनाव के दौरान देश में नफरत फ़ैलाने की कोशिश हुई : अरविंद सावंत

शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के सांसद अरविंद सावंत ने लोक सभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी के भाषण की तारीफ़ की और कहा कि उन्होंने राजनीति को स्प्रिचुअलाइज्ड किया है।सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा लेते हुए श्री सावंत ने राहुल गांधी के भाजपा पर देश में हिंसा, नफरत और डर फैलाने वाले के आरोपों का समर्थन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के दौरान जो कुछ भी हुआ, हमें बुरा लगा। पूरे देश में नफरत फैलाने की कोशिश हुई। ध्रुवीकरण करने की कोशिश हुई। उन्होंने कहा कि हम भी हिंदू है। इसका यह मतलब नहीं है कि हम दूसरे से घृणा करेंगे और हम घृणा फैलाकर दीवारें खड़ी करेंगे। देश के प्रधानमंत्री मंगलसूत्र की बात करते हैं, हमारे पार्टी को नकली कहा गया। हमारे नेता उद्धव ठाकरे पर भी लांछन लगाया गया।

'अभिभाषण में आपातकाल का जिक्र उचित नहीं'

सांसद सावंत ने कहा कि पिछले दस साल का कार्यकाल संविधान और लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए चिंताजनक रहा। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में इस पर चिंता व्यक्त करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने अपने भाषण में 75 साल पहले के जख्म को कुरेदने का काम किया। देश में महंगाई, बेरोजगारी जैसे कई अहम मुद्दें है जिनकी सुनवाई नहीं हो रही है, उस पर चिंता व्यक्त करके सरकार के कान खिंचने के बजाए राष्ट्रपति ने आपातकाल का जिक्र करके क्या हासिल किया, यह समझ से परे है।

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