आरटीई: 58 हजार से ज्यादा विद्यार्थी कर रहे 2023-24 के छात्रावास व निर्वाह भत्ते का इंतजार
- दी जानी है 250 करोड़ रुपए से ज्यादा रकम
- छात्रावास व निर्वाह भत्ते का इंतजार
- 58 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को अबतक नहीं मिला
डिजिटल डेस्क, मुंबई. शैक्षणिक सत्र 2023-24 खत्म हुए कई महीने बीत चुके हैं लेकिन राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 58 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को अब भी डॉ पंजाबराव देशमुख छात्रावास व निर्वाह भत्ता योजना के पैसे का इंतजार है। सूचना के अधिकार कानून (आरटीई) के तहत तकनीकी शिक्षा निदेशालय ने जो जानकारी उपलब्ध कराई है उसके मुताबिक भत्ते के लिए शैक्षणिक सत्र 2023-24 के दौरान कुल 92 हजार 63 विद्यार्थियों ने आवेदन किया था जिनमें से 58502 विद्यार्थियों के आवेदनों को छात्रवृत्ति के लिए वैध पाया गया था लेकिन हैरानी की बात यह है कि इनमें से किसी विद्यार्थी को अब तक पैसे नहीं दिए गए हैं। इस योजना के तहत विद्यार्थियों को 250 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान किया जाना है। जानकारी मांगने वाले एजुकेशन एक्टिविस्ट और दीपू फाउंडेशन के संस्थापक अमर एकाड ने कहा कि साल 2016 से योजना बिना किसी परेशानी के चल रही है लेकिन इस साल जनवरी में उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग योजना में बदलाव से जुड़ा शासनादेश जारी किया जिसके मुताबिक तकनीकी शिक्षा संस्थानों में पढ़ने वाले ऐसे विद्यार्थियों को भत्ता देने का प्रावधान किया गया जिन्हें सरकारी हॉस्टल में जगह नहीं मिली है जबकि इससे पहले उन विद्यार्थियों को भत्ता दिया जाता था जो हॉस्टल में रहते थे।
नए शासनादेश में छात्रवृत्ति की रकम भी बढ़ाई गई और मुंबई, नवी मुंबई, पुणे, पिंपरी-चिंचवड, नागपुर शहरों में शिक्षा हासिल कर रहे राज्य के दूसरे हिस्सों के विद्यार्थियों को हॉस्टल, खाने और निर्वाह खर्च के रूप में सालाना 60 हजार रुपए देने का प्रावधान किया गया। जबकि जिलों के संस्थानों के विद्यार्थियों के लिए 43 हजार और तालुका स्तर के संस्थानों में पढ़ने वालों के लिए 38 हजार रुपए की छात्रवृत्ति का प्रावधान किया गया जबकि पहले विद्यार्थियों को हर महीने 2 से 3 हजार रुपए ही दिए जाते थे। एकाड ने मांग की है कि सरकार नया शासनादेश जारी करे और जिन विद्यार्थियों को हास्टल मिला है और जिन्हें नहीं मिला है उन दोनों के लिए छात्रवृत्ति का प्रावधान करे। उन्होंने बदलाव के लिए मुख्यमंत्री, उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री समेत संबंधित अधिकारियों को भी पत्र लिखा था। एकाड ने बताया कि मामले में उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग अब हरकत में आया है और मामले में जल्द कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
क्या है योजना
इस योजना के तहत 8 लाख रुपए से कम आय वर्ग के वे विद्यार्थियों आवेदन कर सकते हैं जिन्होंने व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा संस्थानों में दाखिला लिया हो लेकिन डीम्ड और निजी विश्वविद्यालयों के छात्र इसके पात्र नहीं होते। केंद्रीकृत प्रवेश पद्धति के तहत दाखिले लेने वाले विद्यार्थी ही इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। सरकार विद्यार्थियों के खाते में छात्रवृत्ति की रकम भेजती है।
कब कितनी दी गई छात्रवृत्ति
सत्र कुल आवेदन मंजूर पैसे दिए कुल रकम
2021-22 69452 51295 51293 85.46 करोड़
2022-23 85777 67153 67145 130 करोड़
2023-24 92063 58502 0 0