अदालतों पर भार: राज्य के जिला न्यायालयों में 50 लाख से ज्यादा मामले लंबित
- मुंबई, पुणे और ठाणे में सबसे ज्यादा लोग फैसले के इंतजार में
- लंबित मामलों में 34 लाख 66 हजार 477 मामले फौजदारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई. महाराष्ट्र की जिला अदालतों में 50 लाख से ज्यादा मामले लंबित हैं। इनमें 8 लाख 39 हजार मामलों के साथ मुंबई सबसे आगे जबकि 6 लाख 21 हजार लंबित मामलों के साथ पुणे दूसरे नंबर पर है। गडचिरोली में सबसे कम 17 हजार 481 मामले विचाराधीन हैं। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत बांबे हाई कोर्ट से मिली जानकारी से यह खुलासा हुआ है। इस साल 31 जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक लंबित मामलों में 34 लाख 66 हजार 477 मामले फौजदारी जबकि 16 लाख 7 हजार 249 मामले दीवानी न्यायालयों के हैं। यह भी खुलासा हुआ है कि जिला न्यायालयों में कुल 431 मंजूर पदों में से 47 यानी 10 फीसदी से ज्यादा पद रिक्त हैं।
निचली अदालतों पर भार
द यंग व्हिसलब्लोज फाउंडेशन के कार्यकर्ता जितेंद्र घाटगे ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि निचली अदालतों पर कितना भार है। समय पर न्याय पाना नागरिकों का मूलभूत अधिकार है। लेकिन लंबित मामलों की बढ़ती संख्या के चलते लोगों को न्याय के लिए कई वर्षों का इंतजार करना पड़ता है।
मामले का लंबा खींचते हैं वकील
जिला अदालतों की वेबसाइट पर इस बात का उल्लेख है कि फौजदारी मामलों की सुनवाई 6 महीनों में जबकि दीवानी मामलों की सुनवाई तीन साल में पूरी हो जानी चाहिए। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। घाडगे का आरोप है कि वकील भी मामले ज्यादा से ज्यादा समय तक लंबित रखने की कोशिश करते हैं। झूठी गवाही और शपथपत्र देने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई नहीं होती। विरोधियों को परेशान करने के लिए मुकदमों का सहारा लिया जाता है। अदालतों को भी इन परेशानियों की जानकारी है। लेकिन हालात बदलने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
फैसले के इंतजार में मिल रही तारीख पर तारीख
जिले फौजदारी दीवानी कुल लंबित
मुंबई 5,87,885 2,51,964 8,39,849
पुणे 456655 164508 621163
ठाणे 317140 110312 427452
नागपुर 217796 73848 291644
औरंगाबाद 149544 65785 215329
कुल लंबित मामले 50,73,726
फौजदारी 34,66,477
दीवानी 16,07,249