मंडे पॉजिटिव - अब धारावी में खुलेगा सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट का डायलिसिस सेंटर
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी भास्कर शेट्टी ने दैनिक भास्कर को बताया कि फिलहाल मंदिर ट्रस्ट गोरेगांव और प्रभादेवी में एक-एक डायलिसिस सेंटर संचालित करता है। अब तीसरा डायलिसिस सेंटर धारावी में बनाया जा रहा है।
डिजिटल डेस्क, मुंबई, शैलेश तिवारी। दुनियाभर के गणेश भक्तों के लिए श्रद्धा स्थान मुंबई का सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट हर साल हजारों लोगों के लिए मददगार साबित हो रहा है। महानगर में पहले से दो डायलिसिस सेंटर चला रहा मंदिर ट्रस्ट अब एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी में तीसरा डायलिसिस सेंटर खोलने जा रहा है। सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी भास्कर शेट्टी ने कहा कि यह सेंटर दो महीने में शुरु हो जाएगा। इन डायलिसिस सेंटर से गरीब मरीजों को काफी मदद मिलती है। फीस के तौर पर 250 रुपये लिए जाते हैं, जबकि एक मरीज के डायलसिस पर करीब एक हजार रुपए का खर्च आता है। शेट्टी ने बताया कि मंदिर का ट्रस्ट सालाना लगभग 25 करोड़ रुपए गरीब मरीजों की मदद के लिए सहयोग करता है। एक गरीब मरीज को कम से कम पांच हजार और अधिकतम 25 हजार रुपए की राशि आर्थिक मदद के रूप में प्रदान की जाती है। पच्चीस हजार से ज्यादा की आर्थिक मदद सिर्फ कोकलर इम्प्लांट के लिए दी जाती है। सहायता राशि के लिए जाति-धर्म की बंदिशें नहीं हैं, सिर्फ जरूरतमंदो को यह राशि प्रदान की जाती है।
आर्थिक मदद के लिए ऐसे करें आवेदन
ट्रस्ट से मिलने वाले प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न करें
आधार कार्ड
राशन कार्ड
आय प्रमाण पत्र
अस्पताल की तरफ से जारी अनुमानित खर्च संबंधी पत्र
सभी कागजात की जांच कर कमेटी निर्णय करती है
पुस्तकालय का संचालन
सिद्धि विनायक मंदिर ट्रस्ट द्वारा दादर इलाके में जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए एक वातानुकूलित पुस्तकालय का संचालन किया जाता है। पुस्तकालय का सदस्य बनने के लिए शुल्क के तौर पर छात्र को केवल पचास रुपये मासिक शुल्क देना होता है। इस शुल्क में छात्रों को दोपहर में भोजन और शाम को चाय भी उपलब्ध कराई जाती है। जरूरतमंद छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए यह सुविधा काफी मददगार साबित हो रही है। एक बार में यहां सौ छात्र बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं। फिलहाल पुस्तकालय के 400 सदस्य हैं।
जरुरतमंद छात्रों को 11 वीं से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई के लिए काम में आने वाली पुस्तकों का मुफ्त वितरण किया जाता हैं। ट्रस्ट ग्रामीण इलाके में भी होनहार छात्रों को टेक्स्ट बुक उपलब्ध कराता है। जरूरतमंद छात्रों की मदद के लिए मंदिर ट्रस्ट सालाना दो से तीन करोड़ रुपए खर्च करता है।
किसानों का मददगार मंदिर ट्रस्ट
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट राज्य के आत्महत्याग्रस्त किसान परिवारों की भी मदद करता है। ऐसे किसान परिवारें के बच्चों की स्नातक तक की पढ़ाई का खर्च मंदिर ट्रस्ट उठाता है। इसके लिए लगभग तीन करोड़ सालाना खर्च का प्रावधान किया गया है। जिलाधिकारी की सिफारिश के आधार पर किसान परिवारों का चयन किया जाता है। इसी तरह कोरोना काल के दौरान जान गवाने वाले गरीब परिवार के बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी मंदिर ट्रस्ट वहन करता है।
लाख तक पहुंच जाती है गणपति भक्तों की संख्या
10-15 हजार दर्शनार्थी : सामान्य दिनों में
70 हजार भक्तगण : छुट्टियों के दिन और सप्ताह के तीन दिन-मंगलवार, शनिवार, रविवार को
1.25 लाख : चतुर्थी पर
7-8 लाख: अंगारिका चतुर्थी के विशेष दिनों में
104 करोड़ रुपए गणपति भक्तों से दान स्वरूप मिला 2022 -23 में
मंदिर ट्रस्ट से प्रसाद की व्यवस्था
40 हजार लड्डूराज बनते हैं
20 रुपए : दो लड्डू प्रति पैकेट
400 किलो नारियल वडी (बर्फी)
22 रुपए : नारियल वडी (बर्फी) प्रति पैकट
(भक्तों को नो प्रॉफिट, नो लॉस पर उपलब्ध हैं)
मंदिर ट्रस्ट करता जरूरतमंदों की मदद
250 रुपए: डायलसिस के लिए बतौर लिए जाते हैं, जबकि एक मरीज पर खर्च आता है 1000 रुपए
25 हजार से ज्यादा: आर्थिक मदद सिर्फ कोकलर इम्प्लांट के लिए
25 करोड़ रुपए: गरीब मरीजों की आर्थिक मदद के लिए सालाना
3 करोड़ की आर्थिक मदद जरूरतमंद छात्रों के लिए सालाना
3 करोड़ सालाना खर्च का प्रावधान किसानों के लिए