मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी: नागपुर में 3 जगहों पर स्थापित होगा आधुनिक संतरा प्रक्रिया केंद्र, दुधारू पशुओं को बढ़ाने लागू होगा गोवंशीय प्रजनन अधिनियम

  • मेगा वस्त्रोद्योग परियोजनाओं को मिल सकेगा प्रोत्साहन योजना का लाभ
  • लागू होगा गोवंशीय प्रजनन अधिनियम
  • आश्रम स्कूलों में शिक्षकों के 282 पदों को भरने के लिए मंजूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-08 15:51 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विदर्भ अंचल के नागपुर में 3 और अमरावती में 2 ऐसे कुल 5 जगहों पर आधुनिक संतरा प्रक्रिया केंद्र स्थापित करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। उपराजधानी के नागपुर, काटोल और कलमेश्वर में आधुनिक संतरा प्रक्रिया केंद्र बनाया जाएगा। जबकि अमरावती के मोर्शी और बुलढाणा मंे यह केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इस परियोजना पर 40 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है। इससे संतरा उत्पादकों को उचित दाम मिल सकेगा। साथ ही अच्छे संतरे को देश और विदेश में भेजा सकेगा। इन केंद्रों में पैक हाऊस, शीतगृह और वैक्सीन यूनिट बनाया जाएगा। यहां तैयार होने वाले उपपदार्थों पर प्रक्रिया करने वाली सुविधाएं तैयार की जाएंगी। योजना के लाभ के लिए सहकारी प्रक्रिया संस्था, किसान उत्पादक कंपनी, किसान समूह, कृषि उपज बाजार समिति और निजी उद्यमी ले सकेंगे। इन केंद्रों में परियोजना स्थापित करने के लिए अनुदान दिया जाएगा। परियोजना के लिए प्रत्येक लाभार्थी को 15 प्रतिशत निधि स्वयं खर्च करना होगा। जबकि शेष 85 प्रतिशत निधि बैंक से कर्ज के रूप में लिया जा सकेगा। परियोजना पूरी होने के बाद 50 प्रतिशत तक अनुदान राशि लाभार्थी के बैंक खाते में जा करा दी जाएगी। इस योजना के लिए पुणे स्थित महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन मंडल नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगी। इससे पहले उपमुख्यमंत्री तथा तत्कालीन वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साल 2023-24 के बजट में यह घोषणा की थी।

मेगा वस्त्रोद्योग परियोजनाओं को मिल सकेगा प्रोत्साहन योजना का लाभ

प्रदेश में अब मेगा वस्त्रोद्योग परियोजनाओं को भी सामूहिक प्रोत्साहन योजना का लाभ मिल सकेगा। इसके लिए राज्य मंत्रिमंडल ने वस्त्रोद्योग नीति में संशोधन को मंजूरी दी है। इससे राज्य के उद्योग विभाग की सामूहिक प्रोत्साहन योजना का लाभ मेगा (विशाल) वस्त्रोद्योग परियोजनाओं को भी मिल सकेगा। मंत्रिमंडल ने नंदूरबार जिले का समावेश जोन -3 के बजाय जोन 2 में शामिल करने को मंजूरी दी है। सरकार ने 30 मई 2023 को राज्य की वस्त्रोद्योग नीति घोषित की है। इस नीति के तहत 25 हजार करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य है। साथ ही 5 लाख रोजगार के निर्माण करने का लक्ष्य है। यह नीति घोषित होने के बाद अलग-अलग वस्त्रोद्योग समूहों और संगठनों ने सरकार को ज्ञापन दिया था। जिसमें वस्त्रोद्योग नीति में संशोधन करने की मांग की गई थी। इसके अनुसार सरकार ने नीति में संशोधन किया है। साथ ही आकांक्षित जिले नंदूरबार को जोन-3 के बदले अब जोन-2 में शामिल करने का फैसला लिया गया है।

आश्रम स्कूलों में शिक्षकों के 282 पदों को भरने के लिए मंजूरी

राज्य के आश्रम स्कूलों में कक्षा 11 वीं और 12 वीं के विद्यार्थियों को गणित और विज्ञान विषय में पारंगत करने के लिए शिक्षकों के 282 पदों को भरने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इससे सरकार की तिजोरी पर 30 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। राज्य में अन्य पिछड़ा व बहुजन कल्याण विभाग के माध्यम से 141 कला व विज्ञान और 7 कला व वाणिज्य कुल मिलाकर 148 उच्च माध्यमिक आश्रम स्कूल चलाए जाते हैं। आश्रम स्कूलों के विज्ञान संकाय के कक्षा 12 वीं के विद्यार्थी उत्तीर्ण होने के बाद चिकित्सा, इंजीनियरिंग सहित अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेते हैं। इसके लिए उन्हें गणित और विज्ञान पर आधारित नीट और सीईटी परीक्षा देना पड़ता है। आर्थिक परिस्थिति अच्छी नहीं होने के कारण विद्यार्थी निजी क्लासेस नहीं लगा पाते हैं। इस कारण वे प्रवेश पूर्व परीक्षा में टीक नहीं पाते हैं। इसके मद्देनजर सरकार ने गणित और विज्ञान के शिक्षकों के पदों को भरने का फैसला लिया है।

दुधारू पशुओं को बढ़ाने लागू होगा गोवंशीय प्रजनन अधिनियम

राज्य में उच्च उत्पादन क्षमता वाले दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र गोवंशीय प्रजनन अधिनियम लागू करने को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इसके लिए प्राधिकरण की भी स्थापना की जाएगी। मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र गोवंशीय प्रजनन अधिनियम- 2023 विधेयक को विधानमंडल में पेश करने को मान्यता दी है। महाराष्ट्र गोवंशीय प्रजनन नियमन प्राधिकरण के लिए आवश्यक पदों का सृजन उच्चस्तरीय सचिव समिति की मंजूरी से किया जा सकेगा। फिलहाल राज्य में जानवरों के लिए कृत्रिम गर्भाधान पर जोर दिया जाता है। लेकिन पशुओं के सीमन की गुणवत्ता और उसकी जांच के लिए फिलहाल कोई कानून नहीं है। इसलिए पशुओं के सीमन के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और वितरण को नियमन करने के लिए अधिनियम बनाने के लिए मंजूरी दी गई है।


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