राज का फैसला: मनसे विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी, 225 से 250 सीटों पर उतारेगी प्रत्याशी

  • पार्टी अध्यक्ष राज ठाकरे ने की घोषणा, बोले-हमें किसी भी हालत में चाहिए सत्ता
  • गड्ढा पाटने के लिए पैसा नहीं, लाड़ली बहन के लिए पैसा कहां से आएगा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-25 16:38 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिनाशर्त समर्थन देने वाले मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे का अब भाजपा की अगुवाई वाली महायुति से मोहभंग होता नजर आ रहा है। मनसे साल 2024 का विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। पार्टी राज्य की 225 से 250 सीटों पर उम्मीदवार उतरेगी। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने यह घोषणा की है। राज ने 1 अगस्त से महाराष्ट्र का दौरा शुरू करने का ऐलान किया। गुरुवार को राज ने बांद्रा पूर्व के रंगशारदा सभागार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर प्रमुख पदाधिकारियों को संबोधित किया। राज ने कहा कि विधानसभा चुनाव में मनसे किसी से भी गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी के नेता और पदाधिकारी भी गठबंधन का विचार छोड़ दे। मनसे लगभग 225 से 250 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। राज ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में मनसे किसी भी हालत में सत्ता आना चाहती है। इसलिए विधानसभा चुनाव में जीतने की क्षमता वाले नेताओं और पदाधिकारियों को ही टिकट दिया जाएगा। शिवसेना और राकांपा में हुई टूट के कारण आगामी विधानसभा चुनाव में अभूतपूर्व घमासान होने वाला है। राज ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए निजी कंपनियों से सर्वे कराने के बजाय पार्टी के नेताओं की चार से पांच नेताओं की एक-एक टीम बनाई गई है। इस टीम ने एक सर्वे रिपोर्ट तैयार करके मुझे सौंप दिया है। अब यह टीम दोबारा जिलों में जाकर पदाधिकारियों से चर्चा करके एक वास्तविक रिपोर्ट तैयार करेगी। मैं यह रिपोर्ट मिलने के बाद टिकट बंटवारे पर फैसला लूंगा। उन्होंने कहा कि मनसे के कुछ पदाधिकारी पार्टी छोड़ने वाले हैं। लेकिन ऐसे लोगों के राजनीतिक भविष्य का सत्यानाश तय है। क्योंकि सत्तारूढ़ दलों में विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारी के लिए इतने ज्यादा दावेदार हैं कि दूसरे दलों से आए लोगों को कहां से मौका मिल पाएगा।

गड्ढा पाटने के लिए पैसा नहीं, लाड़ली बहन के लिए पैसा कहां से आएगा

इस दौरान राज ने प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री मेरी लाड़ली बहन योजना और मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण कार्यक्रम (लाड़ला भाई योजना) पर कटाक्ष किया। राज ने कहा कि सरकार के पास सड़कों का गड्ढा पाटने के लिए पैसा नहीं है। ऐसे में सरकार के पास लाड़ली बहन योजना के लिए पैसे कहां से आएंगे? राज ने कहा कि लाड़ली बहन और लाड़ले भाई एक साथ में आए होते तो दोनों दल (शिवसेना और राकांपा) टिके होते। इसके लिए योजना की क्या जरूरत है? राज ने कहा कि सरकार के पास नौकरी, स्वास्थ्य और जलापूर्ति जैसी मूलभूत समस्याओं पर ध्यान देने के लिए समय नहीं है। प्रदेश की राजनीति में सत्ताधारी और विपक्ष के दल जनता का ध्यान भटकाने के लिए एक-दूसरे को केवल गाली दे रहे हैं।

पेड़ों की कटाई पर रोक लगाए सरकार

राज ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की स्थिति को देखते हुए कुछ मुद्दों पर हमें गंभीर होना चाहिए। देश भर में बेशुमार तरीके से जंगलों में पेड़ों की कटाई हो रही है। देश में लोगों की मौत होने पर दाह संस्कार में लकड़ी का इस्तेमाल हो रहा है। अंतिम संस्कार के लिए आवश्यक लकड़ियों को जगलों से काटा जाता है। राज ने कहा कि हम लोग पुरानी पंरपराओं को निभाने के लिए यह सब करके हैं। लेकिन जलवायु परिवर्तन चिंता का विषय है। इसलिए हम लोगों को अब विचार बदलना चाहिए। देश में विद्युत शवदाह गृह 0.1 प्रतिशत भी नहीं है। केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर विद्युत शवदाह गृहों की संख्या बढ़ाना चाहिए।


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