कांग्रेस को झटका: मिलिंद देवड़ा बोले मैं भावुक हूं- छोड़ा कांग्रेस का साथ, थामा एकनाथ शिंदे का दामन

  • 1968 और आज की कांग्रेस में बहुत अंतर
  • फैसला लेते वक्त बहुत भावुक हूं- देवड़ा
  • पहले सिद्धिविनायक मंदिर गए और उन्होंने गणपति के दर्शन किए

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-14 15:21 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कांग्रेस के पूर्व सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने रविवार को पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना (शिंदे) का दामन थाम लिया। शिवसेना में शामिल होने से पहले देवड़ा पहले सिद्धिविनायक मंदिर गए और उन्होंने गणपति के दर्शन किए। मिलिंद ने मुख्यमंत्री आवास पर एक दर्जन से ज्यादा कांग्रेस के नेताओं के साथ शिंदे गुट में प्रवेश किया जिसमें राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीबेन शाह के अलावा एक दर्जन से ज्यादा पूर्व नगरसेवक हैं। देवड़ा के कांग्रेस छोड़ने के पीछे की वजह आगामी लोकसभा चुनाव में ठाकरे गुट द्वारा दक्षिण मुंबई की लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए नहीं छोड़ना बताया जा रहा है। देवड़ा पिछले दो लोकसभा चुनाव दक्षिण मुंबई सीट से उद्धव के सांसद अरविंद सावंत से हार चुके हैं। उधर ग्राम विकास मंत्री एवं भाजपा नेता गिरीश महाजन ने दावा किया है कि अगले 15 दिनों में राज्य में एक और बड़ा राजनीतिक भूचाल आने वाला है।

मिलिंद देवड़ा ने शिंदे गुट में शामिल होने के बाद कहा कि, इस समय मैं बहुत भावुक हूं, मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं कांग्रेस पार्टी छोड़ दूंगा। लेकिन मैं एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के साथ अपना 55 साल का पुराना रिश्ता खत्म कर रहा हूं। मेरी राजनीति हमेशा सकारात्मक रही है। मुख्यमंत्री शिंदे की प्रशंसा करते हुए देवड़ा ने कहा कि शिंदे मेहनती और जनता का दर्द जानते हैं। इसलिए मैं उनके हाथों को और मजबूत करना चाहता हूं। मेरे पिता मुरली देवड़ा बालासाहेब ठाकरे के आशीर्वाद से मुंबई के मेयर बने थे। मेरे पिता और एकनाथ शिंदे में बहुत समानता है। मुरली देवड़ा और एकनाथ शिंदे ने नगरसेवक के रूप में ही अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। देवड़ा केंद्रीय मंत्री बने जबकि एकनाथ शिंदे राज्य के मुख्यमंत्री बने। दोनों ने ही हमेशा सार्वजनिक सेवा को राजनीति से ज्यादा महत्व दिया है।

देवड़ा ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि साल 1968 और 2004 की कांग्रेस के अलावा आज की कांग्रेस में एक बहुत बड़ा अंतर है। अगर कांग्रेस और उद्धव ठाकरे ने सकारात्मक और योग्यता के आधार पर राजनीति की होती तो मुझे और मुख्यमंत्री शिंदे को यहां एक साथ नहीं बैठना पड़ता। उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने उद्योगपतियों को लेकर साथ चले। यही कारण रहा कि मुंबई के साथ-साथ देश भी आगे बढ़ा। अब आज की कांग्रेस में उद्योगपतियों को निशाना बनाया जा रहा है। जिसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।

अध्यक्ष, महाराष्ट्र कांग्रेस नाना पटोले के मुताबिक राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से भाजपा और उनके सहयोगी डरे हुए हैं। यही कारण है कि हमारे साथियों को जांच एजेंसियों का डर दिखाकर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कराया जा रहा है। दो बार के चुनाव हारे उम्मीदवार को अपने साथ लेकर भाजपा हमारे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।

संजय राऊत, सांसद, शिवसेना (उद्धव) के मुताबिक मिलिंद देवड़ा शिंदे गुट में चले गए हैं। ये महाराष्ट्र है, कोई भी चुनाव लड़ने और पद के लिए जा रहा है। अरविंद सावंत दो बार के दक्षिण मुंबई से सांसद हैं। ये सीट परंपरागत शिवसेना की सीट रही है और इस सीट से इस बार भी हम भी चुनाव लड़ेंगे। मुझे लगता है इस पर कोई बदलाव नहीं होने वाला है।

गिरीश महाजन, ग्रामीण विकास मंत्री, महाराष्ट्र के मुताबिक कांग्रेस और दूसरे दलों के नेता पार्टी छोड़कर हमारे साथ आ रहे हैं। उन्हें अपने दलों में अपना भविष्य नहीं दिख रहा है। आने वाले 15 दिनों में राज्य में एक बड़ा राजनीतिक भूचाल आने वाला है।

एकनाथ शिंदे, पक्ष प्रमुख, शिवसेना (शिंदे) के मुताबिक मिलिंद देवड़ा अपनी पत्नी के साथ शिवसेना में शामिल हुए हैं। मैं उनका स्वागत करता हूं। एक सफल आदमी के द्वारा निर्णय लेने में महिला शक्ति होती है। डेढ़ साल पहले निर्णय लेते समय मेरे मन में भी वही भावनाएं थी। अगर किसी का ऑपरेशन करना होता है तो ऐसे किया जाए कि टांका भी लगाना ना पड़े। डेढ़ साल पहले मैंने भी बिना डॉक्टर के ऑपरेशन किया था। ऐसा ही अब आपने किया है। आप 50 साल से कांग्रेस के साथ जुड़े हुए थे। आप सांसद और मंत्री भी बने, लेकिन कुछ निर्णय लेने के लिए साहस लगता है। यह तो ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है।


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