खास बातचीत: उत्तराखंड के पहाड़ों से रुकेगा पलायन, फिर आबाद होंगे पहाड़ के गांव
- "दैनिक भास्कर' से खास बातचीत
- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान
- पहाड़ों से रुकेगा पलायन
- रिवर्स माइग्रेशन को लेकर सरकार की योजना
डिजिटल डेस्क, मुंबई, गोविंदलाल आर्य। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में निवेश को बढ़ावा देने के लिए लगातार देश-विदेश का दौरा कर रहे हैं। उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के तहत वे अब तक लंदन, दुबई, अबूधाबी के साथ-साथ देश के औद्योगिक शहरों दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु और अहमदाबाद का दौरा कर चुके हैं। वे चाहते हैं कि राज्य में रोजगार के अवसर पैदा हो जिससे उत्तराखंड के पहाडी इलाकों से पलायन रुके। "दैनिक भास्कर' से खास बातचीत में श्री धामी ने बताया कि उत्तराखंड में हजारों करोड़ के निवेश के लिए 50 से अधिक बड़े औद्योगिक समूह ने रुचि दिखाई है और लगभग एक लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर समझौता हस्ताक्षर किए गए हैं। उत्तराखंड में आगामी 8 व 9 दिसंबर 2023 को होने वाले उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2023 के पहले मुख्यमंत्री निवेशकों से मुलाकात कर उन्हें आमंत्रित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है और उत्तराखंडियों की आकांक्षाओं को पूरी करने की जो जिम्मेदारी राज्य के मुख्य सेवक के रूप में लोगों ने मुझे दी है, उसके लिए मैं हरसंभव प्रयास कर रहा हूं। धामी ने कहा कि उत्तराखंड निर्माण के आंदोलन में प्रवासी उत्तराखंडियों की भी अग्रणी भूमिका रही है और उनके सपनों के अनुरूप राज्य को विकास पथ पर ले जाने के लिए बड़े औद्योगिक समूह को उत्तराखंड में निवेश का न्योता देने की जो पहल सरकार द्वारा की जा रही है, उसमें मैं औद्योगिक घरानों से मिलने से पहले अपने प्रवासी भाई-बहनों से मिल रहा हूं। ताकि उत्तराखंड में प्रवासियों की उम्मीद और आकांक्षाओं के अनुरूप विकास हो सके।
रिवर्स माइग्रेशन को लेकर सरकार की योजना
यह पूछे जाने पर कि मुंबई के प्रवासियों के उत्तराखंड में रिवर्स माइग्रेशन को लेकर सरकार की क्या योजना है? मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन, होम स्टे, स्वास्थ्य, शिक्षा, फार्मा, कृषि, ऊर्जा, रसद, बुनियादी ढांचे और हॉस्पिटलीटी आदि के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और विभिन्न क्षेत्रों में दक्ष युवा पीढ़ी को अपने राज्य उत्तराखंड आकर इस अवसर का लाभ लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में केन्द्र सरकार से प्रदेश में 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं। श्री केदारपुरी का पुनर्निर्माण व बद्रीनाथ धाम के सौन्दर्यीकरण के कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन, नेतृत्व एवं संकल्प का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। आज देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट बनाया जा रहा है तथा ऊधमसिंह नगर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को भी विकसित किया जा रहा है। इसके साथ पंतनगर, पिथौरागढ़ नैनी सैनी एयरपोर्ट को भी विकसित किया जा रहा है। इसलिए युवाओं को रोजगार-स्वरोजगार के अनेक अवसर मिलेंगे, जिससे उत्तराखंड से पलायन नहीं, बल्कि विभिन्न शहरों से रिवर्स माइग्रेशन के जरिए उत्तराखंड के गांव फिर से आबाद होंगे।
सशक्त भू-कानून बनाने को लेकर सरकार गंभीर
उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा की जा रही जमीनों की खरीद-फरोख्त के सवाल पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार राज्य के निवासियों के हितों के प्रति बेहद गंभीर है। हमारी सरकार ने राज्य में सशक्त भू-कानून को लेकर समिति का गठन किया था। समिति की रिपोर्ट का सरकार गंभीरता से आकलन कर रही है और राज्यवासियों के हित में निर्णय लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासियों को इस बारे में निश्चिंत रहना चाहिए कि उत्तराखंड सरकार कोई भी ऐसा निर्णय नहीं करेगी, जो उनके अधिकारों के खिलाफ हो।
लैंड जिहाद के नाम पर 3500 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाया
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के जल जमीन और जंगलों के संरक्षण के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। उत्तराखंड में लैंड जिहाद के नाम पर अवैध कब्जा की गई 3500 एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया गया है। धामी ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति में जो मधुरता, विनम्रता, अपनापन और रहन-सहन, बोल-चाल में जो एक भावनात्मक लगाव है उसे प्रवासी उत्तराखंडियों ने देश-विदेश में पहुंचाया है। इसलिए प्रत्येक प्रवासी उत्तराखंड का ब्रांड एम्बेडर है।