आघाडी: शिंदे गुट के विधायकों को उद्धव ने कहा - नहीं होगी घर वापसी, सीट बंटवारे पर 9 जनवरी को दिल्ली में बैठक
- आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा
- 9 जनवरी को दिल्ली में बैठक हो रही बैठक
- उद्धव ने कहा - जो लोग घूमने चले गए थे उन्हें अब वापस घर में नहीं लिया जाएगा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर न तो अब तक महायुति में ही बात बन सकी है और न ही अभी तक महाविकास आघाडी में ही कोई फैसला हो पाया है। अब 9 जनवरी को दिल्ली में आघाडी के प्रमुख नेताओं की बैठक होगी, जिसमें सीटों के बंटवारे पर कोई फैसला हो सकता है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने रविवार को कहा कि आघाडी के तीनों ही दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा लगातार जारी है। लेकिन दिल्ली में इस बैठक में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई फैसला लिया जा सकता है।
चव्हाण ने कहा कि कुछ सीटों पर तीनों दलों के बीच पेंच फंसा हुआ है और उसी को लेकर इस बैठक में चर्चा होगी। इस बैठक में कांग्रेस से नाना पटोले और अशोक चव्हाण, ठाकरे गुट से संजय राऊत और विनायक राऊत शामिल होंगे। जबकि शरद पवार गुट से सुप्रिया सुले और जयंत पाटील शामिल होंगे।
जो लोग घूमने चले गए थे उन्हें अब वापस घर में नहीं लिया जाएगा
शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को शिंदे गुट के विधायकों पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा है कि जो लोग घूमने के लिए चले गए थे अब उन्हें वापस घर में नहीं लिया जाएगा। ठाकरे ने शिंदे गुट में शामिल होने वाले विधायकों को चुनौती देते हुए कहा कि बक्से में बंद लोगों को निकालने की कोई जरूरत नहीं है। जो लोग पार्टी का नाम लेकर और चुनाव चिन्ह लेकर चले गए, अब अपने सपने में भी उन्हें उद्धव ठाकरे ही दिखाई देते हैं। उद्धव अकेले नहीं हैं, राज्य की जनता उनके साथ है।
ठाकरे ने कहा कि हमारे पास शिवसैनिकों की माया है, प्रेम है, संकल्प और साहस है। लड़ाई बहुत बड़ी है। उन्होंने कहा कि 23 जनवरी को नासिक में पार्टी का राज्य स्तरीय शिविर का आयोजन किया जा रहा है। हम नासिक के कालाराम मंदिर में रामलला के दर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि शिवसेना जैसा प्यार किसी दूसरी पार्टी में नहीं मिलता है। हमारी लड़ाई लंबी है लेकिन आप जैसे कट्टर शिवसैनिक जब एकजुट हैं तो फिर यह लड़ाई आसान हो जाएगी।
ठाकरे ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो लोकसभा, विधानसभा और महानगरपालिकाओं के चुनाव एक साथ कराकर दिखाएं। सड़क से लेकर दिल्ली तक पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही राज्य समेत पूरे राज्य में राम राज्य आने वाला है।