यूरोप की तर्ज पर राज्य के पाठ्यक्रम में हो सकता है बदलाव, गणित में खेल के आंकड़ों के इस्तेमाल की भी सिफारिश
- यूरोप की तर्ज पर राज्य के पाठ्यक्रम में हो सकता है बदलाव
- स्पोर्ट्स क्लब से स्कूलों के टाईअप
- गणित में खेल के आंकड़ों के इस्तेमाल की सिफारिश
डिजिटल डेस्क, मुंबई, दुष्यंत मिश्र। गणित के सवालों में विद्यार्थियों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए हो सकता है कि राज्य के विद्यार्थियों को आईपीएल या दूसरी खेल प्रतियोगिताओं से जुड़े आंकड़े दिए जाएं। साथ ही खेल से जुड़ी प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों को विभिन्न स्पोर्ट्स क्लब के साथ जोड़ा जा सकता है।
यूरोपीय देशों की शिक्षा पद्धति की इन खूबियों से राज्य के अधिकारी काफी प्रभावित हुए हैं, जो 7 से 13 मई के बीच लंदन में हुई एजुकेशन वर्ल्ड फोरम की बैठक में शामिल होने गए थे।
दिलचस्पी पैदा करनी होगी विषयों में
एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल देश और राज्य की शिक्षा पद्धति में काल्पनिक चीजों का इस्तेमाल ज्यादा होता है। जैसे गणित के सवाल बनाने में एक्स का मूल्य इतना है और वाई का मूल्य इतना है, जैसी भाषा कठिन माने जाने वाले गणित विषय को और बोझिल बना देती है। यूरोपीय देशों में वे नामों के साथ उदाहरण देते हैं। इसके अलावा सवालों के लिए विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं के आंकड़ों को इस्तेमाल करते हैं। अधिकारी ने उदाहरण देते हुए बताया कि हमारे यहां आईपीएल क्रिकेट प्रतियोगिता काफी लोकप्रिय हैं। अगर इनके आंकड़ों को लेकर गणित के सवाल बनाए जाएं, तो विद्यार्थियों की दिलचस्पी अपने आप बढ़ जाएगी।
खेल क्लबों से स्कूल जोड़ना भी होगा लाभदायक
अधिकारियों ने पाया कि यूरोपीय देशों में विद्यालयों को अलग-अलग स्पोर्ट्स क्लबों से जोड़ा जाता है। इससे उन स्कूलों के विद्यार्थी उन क्लबों में जा सकते हैं और वहां की सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं। साथ ही वे कई बार बड़े खिलाड़ियों से मिलते हैं, उनसे बात करते हैं। इससे उनमें खेल के प्रति ललक बढ़ती है। अधिकारी ने कहा कि मुंबई, पुणे समेत कई जगहों पर कई क्लब हैं, जिन्हें स्कूलों से जोड़ा जा सकता है। इससे खेल से जुड़ी सुविधाओं का अभाव झेल रहे स्कूलों को भी काफी मदद मिलेगी।
सरकार को जल्द सौंपी जाएगी रिपोर्ट
सूत्रों के मुताबिक, अधिकारी अगले कुछ दिनों में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौपेंगे, जिनमें बच्चों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करने और खेलों में उनकी दिलचस्पी बढ़ाने के लिए इस तरह के बदलाव की सिफारिश की जाएगी।
शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए हर साल होने वाली इस बैठक में कई देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस दौरान प्रतिनिधियों ने शिक्षा के क्षेत्र में सामने आ रही चुनौतियों और बदलती तकनीक के चलते किए जाने वाले जरूरी बदलावों पर बातचीत की राज्य के प्रतिनिधि के तौर पर शिक्षा आयुक्त सूरज मांढरे और राज्य परियोजना संचालक (समग्र शिक्षा) कैलास पगारे शामिल हुए थे।