संदेश: अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के वार्षिकोत्सव में पहली बार मराठी सांस्कृतिक कार्यक्रम

  • अभिभावकों को संदेश देने की कोशिश
  • पहली बार मराठी सांस्कृतिक कार्यक्रम
  • 18, 19 जनवरी के कार्यक्रम में रखी जाएंगी 11 सूत्रीय मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-16 15:56 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. आम धारणा है कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे स्थानीय भाषा और संस्कृति से दूर हो जाते हैं इसीलिए राज्य के अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के संगठन महाराष्ट्र इंग्लिश स्कूल स्ट्रस्टी एसोसिएशन (मेस्टा) ने इस बार 18 और 19 जनवरी को मुंबई में होने वाले वार्षिकोत्सव में विद्यार्थियों द्वारा पेश किए जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों को शामिल किया है। विद्यार्थियों द्वारा पेश किए जाने वाले सभी कार्यक्रम मराठी भाषा में ही होंगे। मेस्टा के संस्थापक अध्यक्ष डॉ संजयराव तायडे पाटील ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमने मराठी में सांस्कृतिक कार्यक्रम इसलिए रखे हैं जिससे अभिभावकों को यह संदेश दे सकें कि अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने के बावजूद उनके बच्चे मराठी भाषा और संस्कृति से जुड़े रहते हैं।

पाटील ने कहा कि अभिनेत्री निशिगंधा वाड कार्यक्रम की ब्रांड एंबेसेडर बनाई गई है। भायखला के लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, मुंबई के पालक मंत्री मंगलप्रभात लोढा, विधानपरिषद में विरोधी पक्ष के नेता अंबादास दानवे समेत कई राजनेताओं के पहुंचने की उम्मीद है।

पाटील ने कहा कि हमने सभी पार्टियों के नेताओं को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुलाया है क्योंकि हम चाहते हैं कि सभी हमारी परेशानियों से परिचित हों। कार्यक्रम के दौरान संगठन से जुड़े स्कूलों, उनके पदाधिकारियों और विद्यार्थियों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे। मेस्टा से राज्य के करीब 20 हजार अंग्रेजी माध्यम के निजी स्कूल जुड़े हुए हैं।

आरटीई के विद्यार्थियों को मिले मुफ्त गणवेश

मेस्टा अधिवेशन के दौरान सरकार के सामने 11 सूत्रीय मांगों से जुड़ा प्रस्ताव भी रखा जाएगा। पाटील ने कहा कि सरकार निजी स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक रुप से कमजोर विद्यार्थियों को दाखिला देती है हम मांग करेंगे कि सरकार इन विद्यार्थियों को मुफ्त गणवेश और पाठ्य पुस्तकें भी उपलब्ध कराए। इसके अलावा आरटीई के 2400 करोड़ रुपए के बकाए के भुगतान, स्कूलों की सुरक्षा के लिए कानून, शिक्षकों के लिए पेंशन योजना, फर्जी स्कूलों को बंद करने, प्रापर्टी टैक्स में छूट, व्यावसायिक दर से बिजली का बिल वसूलना बंद करने मांगे भी की जाएंगी।

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