चेतावनी: सरकार की छाती पर चढ़कर मैं लूंगा मराठा आरक्षण
- जरांगे पाटील ने दिया अल्टीमेटम
- भुजबल और सदावर्ते पर मराठा समाज को उकसाने का आरोप
- कुनबी प्रमाण पत्र देकर ओबीसी आरक्षण में शामिल करने की मांग
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटील ने प्रदेश की शिंदे-फडणवीस-अजित सरकार को मराठा आरक्षण के लिए दस दिनों का आखिरी अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा मैं सरकार की छाती पर चढ़कर मराठा आरक्षण लूंगा। जरांगे पाटील ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल और गुणरत्न सदावर्ते को मराठा समाज के लोगों को उकसाने की जिम्मेदारी दी है।
शनिवार को जरांगे पाटील ने जालना के अंबड तहसील के आंतरवाली सराटी गांव में आयोजित सभा को संबोधित किया। इसमें राज्य भर से मराठा समाज के लोग जुटे थे। जरांगे पाटील ने कहा कि मेरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिंदे से अपील है कि मराठा समाज को आरक्षण लागू करें। हमने सरकार को मराठा आरक्षण पर फैसला लेने के लिए 40 दिनों का समय दिया था। जिसमें से सरकार के पास अब केवल 10 दिन का समय बचा है। यदि सरकार ने 24 अक्टूबर के भीतर आरक्षण नहीं दिया तो मैं ऐसा अनशन करूंगा कि मेरी अंतिम यात्रा निकलेगी या फिर मराठा आरक्षण मिलने की विजय यात्रा निकलेगी। मैं मराठा समाज को आरक्षण दिलाने तक पीछे नहीं हटूंगा। जरांगे पाटील ने कहा कि मैं 22 अक्टूबर को अगले आंदोलन के बारे में ऐलान करूंगा।
शुरू हुई राजनीतिक बयानबाजी : भुजबल ने कहा कि मुझे धमकी भरे फोन आ रहे हैं। लेकिन मैं ऐसी धमकियों से डरने वाला नहीं हूं। जबकि सदावर्ते ने जरांगे पाटील पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि जरांगे पाटील के राजनीतिक बॉस राकांपा (शरद) के अध्यक्ष शरद पवार हैं। इधर, भाजपा के विधायक प्रवीण दरेकर ने कहा कि भाजपा सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री फडणवीस ने मराठा आरक्षण लागू किया था। लेकिन फडणवीस एक विशेष जाति के हैं। इस कारण उनको निशाने पर लिया जाता है। दरेकर ने कहा कि फडणवीस और सदावर्ते का कोई संबंध नहीं है।
जरांगे पाटील की प्रमुख मांग
- मराठा समाज को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र देकर ओबीसी में करें शामिल
- अहमदनगर के कोपर्डी दुराचार की घटना के आरोपी को दें फांसी की सजा
- मराठा आरक्षण आंदोलन में जान गंवाने वालों को दी जाए सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता
- हर दस साल में आरक्षण का लाभ लेने वाली ओबीसी जातियों का हो सर्वे
- सर्वे के बाद प्रगतिशील जातियों को आरक्षण के दायरे से करें बाहर
- सरकार की सारथी संस्था के जरिए पीएचडी करने वाले छात्रों को दें अधिक निधि
किसी कोटे से मराठा आरक्षण की मांग उचित नहीं
मराठा कार्यकर्ता जरांगे पाटील की मराठा समाज को ओबीसी कोटे से आरक्षण देने की मांग उचित नहीं है। हम चाहते हैं कि मराठा समाज को स्वतंत्र रूप से आरक्षण मिलना चाहिए। मराठा समाज ओबीसी आरक्षण में भागीदार नहीं बनना चाहता है।
राधाकृष्ण विखे पाटील, राजस्व मंत्री, राज्य सरकार