सिंदखेड राजा की ऐतिहासिक इमारतों के विकास के लिए एकत्रित प्रारूप बनाएं- मुनगंटीवार
- सिंदखेड राजा की ऐतिहासिक इमारतें
- इमारतों के विकास के लिए एकत्रित प्रारूप बनाएं
- मुनगंटीवार के निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बुलढाणा के सिंदखेड राजा की ऐतिहासिक इमारतों के विकास के लिए एकत्रित प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सिंदखेड राजा राजमाता जिजाऊ का जन्मस्थल है। इसलिए जिला स्तरीय समिति विभिन्न विभागों से चर्चा करके परिपूर्ण प्रारूप तैयार करें। सोमवार को मुनगंटीवार की अध्यक्षता में राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में सिंदखेड राजा की ऐतिहासिक इमारतों के विकास को लेकर बैठक हुई। इस मौके पर राकांपा के विधायक राजेंद्र शिंगणे और राज्य के सांस्कृतिक कार्य विभाग के प्रधान सचिव विकास खारगे मौजूद थे। मुनगंटीवार ने बताया कि फिलहाल सिंदखेड राजा के विकास के लिए 168 करोड़ रुपए का प्राथमिक प्रारूप तैयार किया गया है। इसके अलावा संग्रहालय के विकास के लिए 34 करोड़ रुपए का स्वतंत्र प्रारूप बनाया गया है। लेकिन सिंदखेड राजा के परिसर और स्थलों के महत्व को ध्यान में रखते हुए एकत्रित प्रारूप बनाना आवश्यक है। मुनगंटीवार ने बताया कि सिंदखेड राजा में छह राज्य संरक्षित स्मारक और पांच केंद्र सरकार द्वारा संरक्षित स्मारक है। इसमें राजे लखुजी जाधव राजवाडा, नीलकंठेश्वर मंदिर, राजमाता जिजाऊ जन्मस्थल, सावकार वाडा, रंगमहाल, काला कोट, मोती तलाब, रामेश्वर मंदिर, चांदणी तलाब, सजना बारव आदि का समावेश है। इन ऐतिहासिक स्थलों के महत्व को ध्यान में रखते हुए एकत्रित विकास किया जाएगा।