महायुति का सभी लोकसभा सीट जीतने का संकल्प, तीनों दलों ने दिया मिशन 48 का नारा
- भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति का संकल्प
- सभी लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य
- दिया मिशन 48 का नारा
डिजिटल डेस्क, मुंबई. प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाली महायुतिने साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए राज्य की सभी 48 सीटें जीतने का संकल्प किया है।महायुति ने लोकसभा चुनाव के लिए मिशन 48 का नारा दिया है। शुक्रवार कोविपक्ष के "इंडिया' गठबंधन के साथ-साथ महायुति के घटक दलों की भी बैठक हुई। वर्ली के एनएससीआई डोम में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार सहित महायुति के सभी घटक दलों के नेता, मंत्री, सांसद और विधायक मौजूद थे।
राकांपा (अजित) के राज्य की सरकार में शामिल होने के बाद महायुति के पदाधिकारियों की यह पहली बैठक थी। पहले भाजपा ने शिवसेना (शिंदे) के साथ मिलकर राज्य में लोकसभा की 48 में से 45 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था। लेकिन राकांपा (अजित) के सरकार में शामिल होने के बाद महायुति ने पूरी 48 सीटें जीतने का संकल्प किया है। उपमुख्यमंत्री अजित के सरकार में शामिल होने के चलते भाजपा और शिवसेना (शिंदे) के खेमे में बेचैनी है। इसका आभास तीनों दलों के शीर्ष नेताओं को भी है। इसलिए बैठक में तीनों दलों के प्रमुख नेताओं ने अपने-अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मनोमिलन करने और मेल-मिलाप केसाथ चलने को लेकर बार-बार अपील की।
मोदी, मोदी और मोदी साहेब
बैठक में मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि तीनों दलों के स्थानीय पदाधिकारियों को इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए कि कौन से सीट किसको मिल रही है। इसकी चिंता किसी को नहीं करना चाहिए। यदि किसी ने उम्मीदवार के बारे में पूछा तो हर सीट के लिए एक ही जवाब दीजिए- मोदी, मोदी और मोदी साहेब। शिंदे ने कहा कि हम सबका एजेंडा नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाना है। इसलिए उत्तर प्रदेश के बाद महायुति के सबसे अधिक सांसद महाराष्ट्र से चुन कर जाने चाहिए। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में महायुति ने 42 सीटों पर जीत हासिल की थी। यदि दिल से एकजुट होकर काम करेंगे तो हमें 48 सीटें जीतने में कोई मुश्किल नहीं होगी। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने विपक्ष के पास कोई चेहरा नहीं है।
हमें सम्मान और अपमान के नाटक से बचना होगा - फडणवीस
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि महायुति मेंराकांपा (अजित) साथ में आई है। इस लिए मुझे विश्वास है कि हम मिशन 48को निश्चित रूप से सफल बना सकते हैं। लेकिन केवल हमें एक-दूसरे को समझने और साथ में लेकर चलने की आवश्यकता है। हमें सम्मान और अपमान के नाटक से बचना होगा। जिला और तहसील हर जगह हमें समझना होगा कि हमारे साथ में दो दल और हैं। हमें उन्हें भी साथ लेकर आगे बढ़ना है। फडणवीस ने कहा कि तीन दल होने के कारण लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर सभी की आशा और आकांक्षा पूरी नहीं हो सकती है। हर दल कोसीटें कम और ज्यादा मिल सकती हैं। लेकिन नाराज हुए बिना लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी लोगों को एक साथ काम करना चाहिए।
सीटों के बंटवारे का फैसला राज्य स्तर पर होगा- अजित पवार
उपमुख्यमंत्री अजित ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कौन सी सीट किस दल को मिलेगी? इस बारे में फैसला राज्य स्तर के नेता मिलकर करेंगे। यदि जरूरत पड़ी तो दिल्ली के शीर्ष नेता सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला लेंगे।अजित ने कहा किमहायुति का जो भी उम्मीदवार होगा उसकी जीत के लिए हम काम करेंगे।
चंद्रशेखर बावनकुले, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के मुताबिक महायुति में भाजपा बड़े भाई की भूमिका है। इसलिए भाजपा महायुति के सभी घटक दलों को साथ में लेकर काम करेगी।
सुनील तटकरे, राकांपा (अजित) के प्रदेश अध्यक्ष के मुताबिक हमने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व में काफीविचार पूर्वककदम उठाया है। इसलिए हमारी भूमिका के बारे में भाजपा को मन में कोई आशंका नहीं रखना चाहिए। राकांपा(अजित) के सभी लोग महायुति के लिए मिलकर काम करेंगे।
हमारे समय पर विवाद नहीं होना चाहिए
गुलाबराव पाटील, जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री के मुताबिक शिवसेना (शिंदे)लोकसभा चुनाव में महायुति के उम्मीदवारों की जीत के लिए जोरशोर से प्रयास करेगी। लेकिन हमारे समय यानी विधानसभा चुनाव में विवाद नहीं होना चाहिए। लोकसभा चुनाव में मोदी के नाम पर वोट पड़ जाते हैं। पर जब हमारा समय आता है तो गठबंधन में खींचतान शुरू हो जाती है। इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए।