ग्राम पंचायतों के परिणाम: ग्राम पंचायत चुनाव में भारी पड़ी महायुति, जीत को लेकर दोनों गठबंधनों के अपने-अपने दावे
- कांग्रेस ने भाजपा को दावे को बताया गलत
- भाजपा ने खुद को घोषित किया नंबर-1
डिजिटल डेस्क, मुंबई. प्रदेश के लगभग 2 हजार 359 ग्राम पंचायतों के चुनाव सत्तारूढ़ महायुति विपक्ष के गठबंधन महाविकास आघाड़ी पर भारी पड़ती नजर आ रही है। सत्तारूढ़ भाजपा ने महायुति के घटक दल शिवसेना (शिंदे) व राकांपा (अजित) के साथ मिलकर 1700 से अधिक ग्राम पंचायतों में जीत का दावा किया है। भाजपा ने अकेले 1 हजार ग्राम पंचायतों में विजय हासिल करने का दावा किया है। दूसरी तरफ महाविकास आघाड़ी की ओर से कांग्रेस ने भाजपा पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने महाविकास आघाड़ी के 1312 ग्राम पंचायतों में जीत हासिल करने का दावा किया है। पंचायत चुनाव को लेकर दोनों खेमा अपने-अपने दावे कर रहा है।
हालांकि ग्राम पंचायत चुनाव पार्टियों के चिन्ह पर नहीं लड़ा जाता है। सभी राजनीतिक दलों के समर्थक उम्मीदवार पैनल बनाकर प्रत्याशी उतारते हैं। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से बगावत के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व में राकांपा (अजित) ने पहला चुनाव लड़ा था। जिसमें उपमुख्यमंत्री अजित के गढ़ बारामती में राकांपा (अजित) ने एक तरफा जीत हासिल की है। अजित के मूल गांव काटेवाडी ग्राम पंचायत में भाजपा का कमल नहीं खिल सका। राज्य के सहकारिता मंत्री दिलीप वलसे- पाटील के आंबेगांव तहसील में राकांपा (अजित) को झटका लगा है। जबकि प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने कोल्हापुर और राज्य के राहत व पुनर्वसन मंत्री अनिल पाटील के जलगांव के निर्वाचन क्षेत्र में राकांपा (अजित) ने दमदार प्रदर्शन किया है।
इस बीच भंडारा, बीड़ और सोलापुर के ग्राम पंचायतों में बीआरएस ने पैर पसरा है। राज्य के 2 हजार 359 ग्राम पंचायतों के चुनाव हुए हैं। जबकि ग्राम पंचायतों के रिक्त 2 हजार 950 सदस्य पदों और 130 सरपंचों के रिक्त पदों के उपचुनाव हुए हैं। जिसमें से निर्विरोध चुनाव वाली सीटों को छोड़कर बाकी सभी जगहों पर 5 नवंबर को मतदान हुआ था। सोमवार को ग्राम पंचायत चुनाव के परिणाम घोषित किए गए हैं। जबकि नक्सल प्रभावित गडचिरोली और गोंदिया में चुनाव परिणाम 7 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
भाजपा ने 1 हजार ग्राम पंचायतों में झंडा लहराया है- बावनकुले
नागपुर में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि महायुति ने 1700 ग्राम पंचायतों पर कब्जा किया है। जबकि 1 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में भाजपा समर्थित सरंपच जीते हैं। बावनकुले ने दावा किया कि भाजपा और महायुति ने कांग्रेस तथा महाविकास आघाड़ी के कब्जे वाली करीब 1800 ग्राम पंचायतें यानी 60 प्रतिशत सीटों पर जीत हासिल की है।
कांग्रेस को 721 ग्राम पंचायतों में जीत मिली है- नाना पटोले
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने तिलक भवन में कहा कि ग्राम पंचायतों के चुनाव में कांग्रेस ने 589 जगहों विजयी हुई है। जबकि कांग्रेस के विचारों वाले स्थानीय गठबंधन ने 132 ग्राम पंचायतों में जीत हासिल की है। इससे कांग्रेस ने कुल 721 ग्राम पंचायतों में सफलता पाई है। जबकि महाविकास आघाड़ी कुल 1312 ग्राम पंचायतों में जीती है। पटोले ने कहा कि ग्राम पंचायत चुनाव में सबसे बड़े दल के रूप में उभरने का भाजपा का दावा झूठा है। यदि भाजपा में हिम्मत है तो जीते हुए प्रत्याशियों की सूची जारी करे। गांव वाले भाजपा को झूठ बोलने के लिए मारेंगे। भाजपा में हिम्मत है तो स्थानीय निकायों का चुनाव करवाए। पटोले ने कहा कि नागपुर में भाजपा का सुपड़ा साफ हो गया है। फिर भी भाजपा की स्थिति ‘गिरे तो भी टांग ऊपर’ वाली है।
एकनाथ शिंदे, मुख्यमंत्री के मुताबिक जिसने शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के विचारों के साथ गद्दारी की है। उसको जनता ने घर बैठा दिया है। हालांकि उन्हें घर बैठ कर काम करने की आदत पहले से ही थी। ग्राम पंचायत चुनाव से यह साबित हुआ है कि सरकार आपके द्वार अभियान गांवों तक पहुंच गया है।
सुनील तटकरे, प्रदेश अध्यक्ष राकांपा (अजित) के मुताबिक उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जब शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल होने का फैसला किया था तब कुछ लोगों ने उनकी भूमिका पर प्रश्नचिन्ह खड़ा था। लेकिन राज्य की जनता ने राकांपा (अजित) पर अभूतपूर्व विश्वास जताया है।
गठबंधन सीटें जीतने का दावा
महायुति दावा - 1 हजार 700
महाविकास आघाड़ी - 1 हजार 312
कुल सीटें - 2 हजार 359