महाराष्ट्र: राष्ट्रीय ई-विधान प्रणाली से जुड़ेगा महाराष्ट्र विधानमंडल, विधानसभा में होगी लागू
- 15वीं विधानसभा में लागू होगी
- राष्ट्रीय ई-विधान प्रणाली से महाराष्ट्र विधानमंडल जुड़ेगा
डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार। महाराष्ट्र विधानमंडल दोनों सदनों के कामकाज को पेपरलैस बनाने के लिए केंद्र सरकार की राष्ट्रीय ई-विधान (नेवा) प्रणाली को लागू करेगा। राष्ट्रीय ई-विधान एक क्लाउड आधारित प्रणाली है। इसके जरिए सदन की कार्यवाही पूरी तरह से ऑनलाइन संचालित होती है। साथ ही एक पोर्टल पर पूरे देश के सदन के कामकाज को ऑनलाइन देखा जा सकेगा। राष्ट्रीय ई-विधान को लागू करने के लिए महाराष्ट्र विधानमंडल और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के बीच मई महीने तक करार हो जाएगा। इसके बाद साल 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद अस्तित्व में आने वाली 15 वीं विधानसभा के गठन के बाद सदन में राष्ट्रीय ई-विधान प्रणाली का इस्तेमाल हो सकेगा।
विधानमंडल सचिवालय के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि फिलहाल राष्ट्रीय ई-विधान प्रणाली के इस्तेमाल के लिए डेमो शुरू है। हमारी इस प्रणाली के लिए एनआईसी के साथ मई महीने तक करार की योजना है। यह करार होने के बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। इसके बाद एनआईसी राज्य में राष्ट्रीय ई-विधान प्रणाली को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर देगा। अधिकारी ने कहा कि 14 वीं विधानसभा का फरवरी के बाद जुलाई महीने में आखिरी मानसून अधिवेशन होगा। इसके बाद विधानसभा चुनाव होंगे। इसको देखते हमने 15 वीं विधानसभा के गठन के बाद राष्ट्रीय ई-विधान लागू करने का लक्ष्य रखा है। अधिकारी ने कहा कि अभी महाराष्ट्र विधानमंडल में सदन के कामकाज की सूची, तारांकित व अतारांकित प्रश्न, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, आधे घंटे की चर्चा समेत अन्य प्रस्ताव विधायकों से ऑनलाइन मंगाए जाते हैं। इसके लिए महाराष्ट्र विधानमंडल ने अलग से एप्लिकेशन तैयार किया है। जबकि एनआईसी ने अपने अलग एप्लिकेशन बनाए हैं। इसलिए दोनों एप्लिकेशन के इस्तेमाल में आने वाली कठिनाइयों को दूर किया जाएगा।
गोवा और बिहार में हो रहा इस्तेमाल
अधिकारी ने कहा कि गोवा, बिहार, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में राष्ट्रीय ई-विधान प्रणाली लागू है। महाराष्ट्र विधानमंडल की ओर से संबंधित राज्यों से संपर्क किया जा रहा है। इससे यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उन्हें इस प्रणाली के इस्तेमाल के लिए क्या-क्या मुश्किलें आ रही हैं।
केंद्र से मिलेगी 60 प्रतिशत राशि
अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय ई-विधान प्रणाली परियोजना के लिए केंद्र सरकार से कुल खर्च की 60 प्रतिशत राशि मिलेगी। जबकि 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को खर्च करना होगा। लेकिन विधानमंडल के पास ऑनलाइन कामकाज के लिए बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है। विधायकों को लैपटॉप भी प्रदान कर दिए गए हैं।
लोस अध्यक्ष ने कहा था विधानमंडल को बनाओ डिजिटल
इससे पहले बीते 27 जनवरी 2024 को विधानमंडल में आयोजित अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधानमंडल का डिजिटलीकरण करने के लिए कहा था। एक राष्ट्र, एक विधायी पोर्टल की परिकल्पना पर अमल होने से विधानमंडलों के कामकाज में पारदर्शिता आएगी।