अव्वल: स्टार्टअप रैंकिंग में महाराष्ट्र को मिला टॉप परफॉर्मर का तमगा, प्रगति करने वाले राज्य पुरस्कृत
- राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग 2022 जारी
- महाराष्ट्र को मिला टॉप परफॉर्मर का तमगा
- स्टार्टअप रैंकिंग में महाराष्ट्र अव्वल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को यहां राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग 2022 जारी की। इसमें महाराष्ट्र ने अपने यहां स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के प्रभावी कार्य के लिए राज्यों के स्टार्टअप रैंकिंग में टॉप परफॉर्मर का तमगा हासिल किया है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से आयोजित समारोह में स्टार्टअप क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति करने वाले राज्यों को पुरस्कृत किया।
स्टार्टअप रैंकिंग कार्यक्रम के चौथे संस्करण में स्टार्टअप संस्थाओं सहायता करने के साथ पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के मामले में महाराष्ट्र को टॉप परफॉर्मर का तमगा मिला है। महाराष्ट्र राज्य नाविन्यता सोसाइटी के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ प्रमोद शिंदे, सहायक प्रबंधक अमित कोठावदे और विवेक मोगल ने केंद्रीय मंत्री गोयल के हाथों पुरस्कार स्वीकार किया।
केरल, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश को भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में रखा गया। महाराष्ट्र के अलावा ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय को शीर्ष प्रदर्शन करने वालों के रूप में वर्गीकृत किया है।
यह रैंकिंग एक वार्षिक कवायद है, स्टार्टअप वृद्धि के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के प्रयासों के आधार पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का मूल्यांकन किया गया है। इस रैंकिंग में कुल 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया है। इन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले, शीर्ष प्रदर्शन करने वाले, नेतृत्व करने वाले, महत्वाकांक्षी नेतृत्व करने वाले और उभरते स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने वालों की पांच श्रेणियों में बांटा गया है।
केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों को उनकी जनसंख्या के आकार के आधार पर मोटे तौर पर दो वर्गों में विभाजित किया गया। एक करोड़ से अधिक आबादी वाले और एक करोड़ से कम जनसंख्या वाले। गुजरात को लगातार चौथी बार रैंकिंग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता का दर्जा दिया गया। कर्नाटक को लगातार दूसरे साल इस खंड में स्थान मिला। इस रैंकिंग का मकसद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने और एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रक्रियाओं से सीखने में सहायता करना है।