अदालत: खेल संहिता 2011 उल्लंघन के खिलाफ महाराष्ट्र शतरंज एसोसिएशन पहुंचा दिल्ली हाईकोर्ट

  • विदर्भ शतरंज एसोसिएशन से जुड़े प्रतिनिधि प्रभाजित बच्चर के नाम पर जताई आपत्ति
  • खेल संहिता 2011 उल्लंघन का मामला
  • दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा महाराष्ट्र शतरंज एसोसिएशन

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-26 15:34 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसएफ) द्वारा खेल संहिता का उल्लंघन करने के खिलाफ महाराष्ट्र शतरंज एसोसिएशन ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका में एआईएसएफ के अगस्त 2023 में हुए चुनाव को निरस्त करके राष्ट्रीय खेल संहिता 2011 के मुताबिक दोबारा नए सिरे से चुनाव कराए जाने के एआईएसएफ को निर्देश देने की मांग की गई है। दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की पीठ 8 जनवरी को इस याचिका पर सुनवाई करेगी।

महाराष्ट्र शतरंज एसोसिएशन द्वारा अधिवक्ता आनंद जोधंले के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि 1 अगस्त 2023 को महासंघ के चुनाव की अधिसूचना जारी करने के बाद एआईएसएफ ने महाराष्ट्र शतरंज एसोसिएशन को ईमेल भेजकर उनसे दो प्रतिनिधियों के नाम मांगे। महाराष्ट्र एसोसिएशन ने प्रतिनिधि के तौर पर दो अरुण केदार और अजित सावंत का नाम भेज दिया, लेकिन वोटर लिस्ट में अजित सावंत का नाम हटाकर उसमें प्रभाजित सिंह बच्चर का नाम शामिल कर लिया गया जिनका महाराष्ट्र शतरंज एसोसिएशन से कोई संबंध नहीं है।

याचिका में आगे कहा गया है कि प्रभाजित बच्चर विदर्भ शतरंज एसोसिएशन से जुड़े है और महाराष्ट्र शतरंज एसोसिएशन से उनका कोई संबंध नहीं है। बावजूद एआईएसएफ ने बच्चर के नाम को वोटर लिस्ट में शामिल करके महासंघ के 27 अगस्त 2023 को हुए चुनाव मे उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति दी। याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि 1960 में महाराष्ट्र राज्य का गठन होने के बाद विदर्भ क्षेत्र को भी महाराष्ट्र में शामिल कर लिया गया था। युवा मामले और खेल मंत्रालय की दिसंबर 2020 और 2021 की अधिसूचना में एक राज्य एक इकाई की नीति को दोहराया गया है और इसमें एआईएसएफ के अध्यक्ष को विदर्भ शतरंज एसोसिएशन को महाराष्ट्र शतरंज एसोसिएशन में शामिल करने के निर्देश देते हुए महाराष्ट्र एसोसिएशन को ही एक यूनिट माने जाने की बात कहीं गई।

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