नया फार्मूला: सामान्यीकरण के भी आधार पर तय होंगे महाराष्ट्र सीईटी सेल की परीक्षा के नंबर

  • सिर्फ सही जवाब नहीं सामान्यीकरण के आधार पर तय सीईटी सेल की परीक्षा के अंक
  • सीईटी सेल ने जारी किया फार्मूला

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-18 16:01 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एक ही विषय के अलग-अलग प्रश्नपत्र हल करने वाले विद्यार्थियों को किस तरह सामान्यीकरण के जरिए पर्सेंटाइल जारी किए जाएंगे महाराष्ट्र सीईटी सेल ने इसका फॉर्मूला जारी किया है। इसके तहत अलग दिनों और समय में एक ही विषय की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को मिले औसत अंकों के आधार पर यह फॉर्मूला तैयार किया गया है।

सीईटी सेल ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर इसे सार्वजनिक किया है। व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए होने वाली कई परीक्षाओं में लाखों विद्यार्थी हिस्सा लेते हैं। ऐसे में सीईटी सेल को कई दिनों और सत्र में परीक्षा आयोजित करनी पड़ती है।

इसके चलते विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग प्रश्नपत्र तैयार करने पड़ते हैं। ऐसे में कई बार शिकायत होती है कि एक प्रश्नपत्र में पूछे गए सवालों के जवाब कठिन या आसान थे। इसीलिए सिर्फ प्रश्नपत्र के एक सेट में पूछे गए सवाल के आधार पर किसी विद्यार्थी को फायदा या नुकसान न हो इसलिए सामान्यीकरण की प्रक्रिया का पालन किया जाता है। देशभर में होने वाली इस तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए इस स्थापित प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है।

कैसे होगा सामान्यीकरण?

पर्सेंटाइल स्कोर की गणना के लिए परीक्षार्थी को मिले अंकों को 100 से 0 तक के पैमाने में बदल दिया जाता है। सत्र में किसी भी विद्यार्थी द्वारा हासिल किए गए सर्वाधिक अंक को आधार बनाया जाता है। टॉपर को लेकर स्पष्टता हो इसलिए अंकों की गणना दशमलव के बाद सात अंकों तक की जाती है।

सर्वाधिक अंक हासिल करने वाले विद्यार्थी के नंबर को ही 100 फीसदी माना जाता है। इसके अलावा पर्सेंटाइल तैयार करने में गणित, भौतिकशास्त्र और रसायन शास्त्र में मिले सर्वाधिक अंक को भी आधार बनाया जाएगा। सीईटी सेल ने स्पष्ट किया है कि सामान्यीकरण के चलते विद्यार्थी को मिलने वाले अंक और पर्सेंटाइल अलग होते हैं।

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