बॉम्बे हाईकोर्ट: महाराष्ट्र बोर्ड को छात्र का पुन: परीक्षा परिणाम जारी करने का दिया निर्देश

  • महाराष्ट्र बोर्ड 6 महीने के भीतर मार्कशीट नहीं लेने पर छात्र का इम्प्रूवमेंट परीक्षा परिणाम रद्द नहीं कर सकता है
  • छात्र ने 6 महीने के भीतर मार्कशीट नहीं ली

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-04 14:52 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड हायर सेकेंडरी सर्टिफिकेट (एचएससी) की पुनः परीक्षा के परिणाम केवल इसलिए रद्द नहीं कर सकता, क्योंकि छात्र ने 6 महीने के भीतर मार्कशीट नहीं लिया। अदालत ने एक छात्र की उसके 2018 के परिणाम को रद्द करने और मार्कशीट जारी करने की मांग को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया।

न्यायमूर्ति ए.एस.चंदूरकर और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने एक छात्र की याचिका पर अपने फैसले में कहा कि हम प्रतिवादी (महाराष्ट्र बोर्ड) के रुख को समझने में विफल हैं कि जब एक छात्र ने बेहतर अंकों के साथ अपनी पुन: परीक्षा उत्तीर्ण की है, लेकिन छात्र ने मार्कशीट नहीं ली है, तो उसका परिणाम स्वयं ही रद्द हो जाएगा। खंडपीठ ने कहा कि पुन: परीक्षा का उद्देश्य छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसरों के लिए अपने स्कोर में सुधार करने में सक्षम बनाना है। बोर्ड की नीति का उद्देश्य छात्रों को उनके प्रदर्शन को बढ़ाने में सुविधा प्रदान करना है। सुधार परीक्षा के लिए बोर्ड की योजना में कुछ शुल्क के भुगतान पर छह महीने के भीतर मार्कशीट लेने का प्रावधान है।

याचिकाकर्ता ने शुरुआत में 2017 एचएससी परीक्षा में 55.37 प्रतिशत अंक प्राप्त किया था। उन्होंने 2018 में दोबारा परीक्षा का विकल्प चुना और 65.2 प्रतिशत अंक हासिल किया। इसके बाद उसने राजस्थान के कोटा में एलन कैरियर इंस्टीट्यूट में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) की तैयारी की और 2024 में फिर से परीक्षा देने का इरादा किया। छात्र ने साल 2022 में महाराष्ट्र राज्य बोर्ड से 2018 में आयोजित पुन: परीक्षा के लिए मार्कशीट जारी करने का अनुरोध किया। उसने पुन: परीक्षा में 650 में से 424 अंक हासिल किए था।

बोर्ड ने परिणाम घोषित होने के छह महीने के भीतर मार्कशीट लेने में याचिकाकर्ता की विफलता का हवाला देते हुए अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। अदालत ने याचिकाकर्ता को फैसले की एक प्रति के साथ बोर्ड से संपर्क, संशोधित मार्कशीट जारी करने का आवेदन और पहले की मूल मार्कशीट को सरेंडर करने का निर्देश दिया है। इसके बाद बोर्ड को तुरंत छात्र का संशोधित मार्कशीट जारी करनी होगी।

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