महाराष्ट्र: प्रदेश में हेलीपैड स्थापित करने एमएडीसी नोडल एजेंसी नियुक्त

  • राज्य में एयर एंबुलेंस सेवा उपलब्ध होने का रास्ता हुआ साफ
  • पांच हवाई अड्डे को निजी कंपनी से वापस लिया जाएगा
  • महाराष्ट्र हवाई अड्डा विकास कंपनी (एमएडीसी) अब नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-04 16:32 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में हेलीपैड तैयार करने और एयर एंबुलेंस सेवा शुरू करने के लिए महाराष्ट्र हवाई अड्डा विकास कंपनी (एमएडीसी) अब नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में एमएडीसी के निदेशक मंडल की हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में अमरावती, शिर्डी और कराड के हवाई अड्डे के कामों की समीक्षा की गई। राज्य में फिलहाल विमानन निदेशालय के पास फिलहाल हेलीपैड बनाने का अधिकार है। लेकिन यह अधिकार एमएडीसी को नोडल एजेंसी के रूप में प्रदान करने का फैसला लिया गया है। इससे तहसील स्तर पर भी हेलीपैड बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग, यशवंतराव चव्हाण मुंबई-पुणे एक्स्प्रेस वे पर तत्काल मदद और बचाव के लिए हेलिकॉप्टर सुविधा उपयुक्त होती है। इसके अलावा घायल मरीजों के लिए एयर एंबुलेंस सेवा उपयोगी साबित होती है। इसलिए एयर एंबुलेंस सेवा के लिए संबंधित कंपनियों से समन्वय करें। मुख्यमंत्री ने जिस हवाई अड्डा और हवाई पट्टी पर संभव होगा, वहां पर नाईट लैंडिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

बैठक में यह भी हुआ फैसला

बैठक में शिर्डी हवाई अड्डे को विकसित करने का अधिकार एमएडीसी को देने का फैसला लिया गया है। शिर्डी में नया इंटिग्रेटेड टर्मिनल बनाने के लिए 527 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। जबकि हवाई पट्टी के नुतनीकरण के लिए 62 करोड़ रुपए खर्च को स्वीकृति दी गई है। अमरावती के बेलोरा हवाई के विकास के लिए देश का सबसे बड़ा हवाई प्रशिक्षण केंद्र शुरू करने का प्रयास किया जाएगा। यहां पर टाटा समूह का एयर- विस्तारा कंपनी का केंद्र शुरू किया जाएगा।

पांच हवाई अड्डे को निजी कंपनी से वापस लिया जाएगा

राज्य सरकार लातूर, नांदेड़, बारामती, धाराशिव और यवतमाल इन पांच हवाई अड्डे को निजी कंपनियों से लेकर वापस एमआईडीसी को दिया जाएगा। धाराशिव और यवतमाल में हवाई अड्डा शुरू नहीं हुआ है। इसके सहित पांचों हवाई अड्डा निजी कंपनी से वापस लेकर एमआईडीसी को दिया जाएगा। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

बैठक में ये रहे मौजूद

बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. नितीन करीर, एमएडीसी की उपाध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक स्वाति पांडे, एमआईडीसी और सिडको के अधिकारी मौजूद थे। जबकि नागपुर की विभागीय आयुक्त विजयालक्ष्मी बिदरी प्रसन्न और नागपुर के जिलाधिकारी डॉ. विपीन ईटनकर बैठक में ऑनलाइन शामिल हुए थे।

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