सवालिया निशान: मुंबई को जगमगाने वाली लाइट गुल, सौंदर्यीकरण के नाम पर 720 करोड़ रुपए स्वाहा

  • खराब हो रहे घटिया लाइटें और उपकरण
  • 24 विभागों में सौंदर्यीकरण योजना शुरु
  • शहर भर में लगाई गई लाइटों की बत्ती गुल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-31 12:11 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुंदर बनाने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर मनपा के सभी 24 विभागों में सौंदर्यीकरण योजना शुरु की गई थी। इस योजना के तहत मुंबई के चौक, सिग्नल, सड़कें, और ब्रिजों पर बिजली के खंभों पर रंगबिरंगी लाइटे लगाई गई हैं। मुंबई को अंतरराष्ट्रीय शहर की तरह रात को जगमगाने के लिए लगाई गई लाइटों की बिजली गुल होती जा रही है। रंगबिरंगी रोशनी के लिए शहर भर में लगाई गई लाइटों की बत्ती गुल हो गई हैं। जिन लाइटों से मुंबई को रात में जगमगाने के लिए लगाया गया है, वे घटिया होने के कारण बंद पड़ गई हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सौंदर्यीकरण योजना पर करोड़ों रुपए स्वाहा हो गया लेकिन अब लाइट बंद होने से इस योजना पर ही सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सौंदर्यीकरण करने का आदेश दिया था. बीएमसी प्रशासन ने मुंबई का सौंदर्यीकरण करने लिए 1750 करोड़ जारी किए थे। मुंबई में सौंदर्यीकरण के कुल 1175 कार्यों को मंजूरी दी गई थी। जिसमें लगभग 1100 कार्य पूरे हो चुके हैं।

मनपा सौंदर्यीकरण करने के लिए अपने प्रत्येक वार्ड को 30 करोड़ रुपए की निधि जारी की थी। 24 वार्डों को 720 करोड़ सौंदयीँकरण पर खर्च किए गए हैं। मांग के बाद उनको अलग से फंड जारी किया गया। सौंदर्यीकरण के जारी 1750 करोड़ रुपए में से 700 करोड़ रुपए सड़कों की सरफेसिंग और फुटपाथों की मरम्मत पर सहि 720 करोड़ रुपए सौंदर्यीकरण खर्च किया गया है।

इन कार्यों पर हुए खर्च

फुटपाथ स्टैंप्ड कंक्रीट, रोड डिवाइडर ब्यूटीफिकेशन, चौक ब्यूटीफिकेशन, फ्लाई ओवर की रंगाई, दीवार की पेंटिंग, पुल और चौकों की लाइटिंग, फुटपाथ लाइटिंग, स्ट्रीट लाइटिंग, गार्डन ब्यूटीफिकेशन जैसे कार्य किए जा रहे हैं। इसमें पिगमेंट कंक्रीट फिनिश्ड सिलिंड्रिकल सीट्स, स्क्वायर सीट्स, डस्टबिन, ट्री ग्रेड, सरक्युलर ट्री ग्रेड, रैक्टेंगुलर ग्लास फायबर रेनफोर्ड पॉटर ऑर प्लांट प्लैनर, फुटपाथ पर लगाने के लिए फाइबर ग्लास के साथ कंपोज्ड रेलिंग, बैठने के लिए ग्लास फाइबर और पॉलिमर बेंच, 900 मिमी ऊंचा ग्लास फायबर बोलार्ड, 600 मिमी बोलार्ड, 40 लीटर क्षमता वाला इन स्टेनलेस स्टील का बिन लगाया जाएगा. इस पर कुल 360 करोड़ रुपए खर्च किए गए।

इतना रुपए खर्व करने के बाद मुंबई के ब्रिजों और हाईवे के किनारे पेड़, बिजली के खंभों पर लगाई गई लाइटें बंद पड़ गई हैं। लोअर परेल डिलाइल रोड ब्रिज का उद्घाटन 23 नंबर को हुआ था। ब्रिज पर लगाए गए बिजली के 34 खंभों पर लाइट गायब हो गई है। जी दक्षिण विभाग ने जिस ठेकेदार को लाइटिंग का ठेका दिया गया था उसने मनपा को चूना लगा दिया। महीने भर से लाइट बंद है लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है।

सांताक्रुज में पश्चिम एक्सप्रेस के किनारे पेड़ पर लगाई गई लाइट बंद हो चुकी है। इसी तरह चेंबूर ब्रिज की लाइट भी बंद हो चुकी है। माटुंगा ब्रिज के पास की गई लाइटिंग भी बंद है। जीपीओ के पास कई खंभों की लाइट बंद पड़ी है। चिंचपोकली में मोनो रेल के खंभो को भी रोशनी से जगमगाया गया था लेकिन यह लाइटें अब दम तोड़ चुकी हैं। सड़कों के डिवाइडर की पेंटिंग की गई लेकिन पान की पीक से पेंटिंग भी खराब हो चुकी है। सौंदर्यीकरण पर इतनी बड़ी राशि खर्च की गई लेकिन वह बेकार साबित हो रही हैं। इस बारे में जब अधिकारी से जानने की कोशिश की गई तो वे कुछ भी बोलने से बचते रहे।

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