सुरक्षा: बाघों को बाड़ के करंट से बचाएगा ’लक्ष्मण रेखा’
प्रयोग के तौर पर ताड़ोबा में लगाई गई तकनीक
विजय सिंह ’कौशिक’। नागपुर किसान अपने खेतो को जंगली सुअर और अन्य जानवरों से बचाने के लिए खेतो पर लगाए गए बाड़ में बिजली का करेंट लगाते है, पर बाघ भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। करेंट से बाघों की मौत की घटनाओं को रोकने के लिए अब राज्य का वन विभाग तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। प्रयोग के तौर पर चंद्रपुर जिले के ताडोबा में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह प्रयोग सफल होने पर अन्य बाघ अभारण्य में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
राज्य के वन मंत्री ने बताया कि करेंट से हो रही बाघों की मौतों को रोकने के लिए जन जागरण का सहारा लेना होगा। इसके अलावा हम थर्मल तकनीक पर आधारित तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कंपनी प्रयोग के तौर पर ताडोबा टाइगर रिजर्व के आसपास इस तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। चार महीने तक इसका परीक्षण किया जाएगा। इस तकनीक के प्रयोग की रिपोर्ट देखने के बाद अन्य जगहों पर इसका इस्तेमाल किया जाएगा।
क्या है तकनीक : वन मंत्री ने बताया कि टाइगर रिजर्व से बाघों को ग्रामीण इलाको में जाने से रोकने के लिए टाइगर रिजर्व के बाहर यह अदृश्य सेंसर लगाया जायेगा। जैसे बाघ इस सेंसर के बाहर निकलेगा, इसकी सूचना संबंधित वन अधिकारियों और किसानों को हो जायेगी। उनके मोबाइल फोन पर एसएमएस आयेगा। जिससे उन्हें बिजली के करंट की चपेट में आने से बचाया जा सकेगा। बाघों के इस ’लक्ष्मण रेखा’ पार करते ही अलार्म बजने लगेगा। इस परियोजना पर 70 करोड़ खर्च आएगा। फिलहाल इस तकनीक का इस्तेमाल राजस्थान में भी किया जा रहा है। डेढ़ किलोमीटर के दायरे में यह सेंसर लगाए जायेंगे।
बता दे की चंद्रपुर में 230 बाघ है। जबकि फिलहाल महाराष्ट्र में बाघों की संख्या 444 है। राजस्थान में लगाया है। श्री मुनगंटीवार ने बताया की वन्य जीव- मानव संघर्ष में होने वाली
80 प्रतिशत मौतें जंगलों में होती है। इसमें कमी लाने के लिए जंगलों पर निर्भरता कम होनी चाहिए। इस दिशा में महाराष्ट्र सरकार के प्रयोग की हाल ही में गुवाहाटी में हुई बैठक में तारीफ हुई।
बिजली करंट से मर रहे बाघ : 2023 में 42 बाघों की मौत हुई।जिसमें से करंट लगने से आठ बाघों की मौत हुई। महाराष्ट्र में लगभग 20 प्रतिशत बाघों की मौत बिजली के करंट से होती है।
साल दर साल महाराष्ट्र में बाघों की मौत
साल मौतें
2016- 16
2917- 22
2018- 19
2019- 17
2020- 18
2021- 32
2022- 29
2023- 41 ( अक्टूबर तक)