अब अतीत की बात: मुंबई की सड़कों पर प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी का आखिरी सफर
- प्रीमियर कंपनी की पद्मिनी टैक्सी की मुंबई से विदायी
- बीस साल तक सेवा देने के बाद कानूनी ब्रेक
- मेरी गाड़ी में नेता कम, अभिनेता ज्यादा बैठे- कारसेकर
डिजिटल डेस्क, मुंबई, सुजीत गुप्ता। 60 के दशक में काली पीली टैक्सी सेवा में प्रीमियर पद्मिनी कार का सफर शुरू हुआ था। प्रीमियर कंपनी की पद्मिनी कार के मॉडल ने कई वर्षों तक सड़कों पर राज किया। लेकिन बीस साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों की परिचालन बंदी का नियम काली पीली टैक्सी के रूप में दौड़ रही प्रीमियर पद्मिनी पर भी लागू है। जिसका पालन करते हुए साल 2003 में मुंबई के ताड़देव आरटीओ (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) में पंजीकृत (MH01-AJ2556) नंबर की पद्मिनी टैक्सी आज अपनी आखिरी बार सेवा देगी। सोमवार का दिन पद्मीनी टैक्सी के साथ ही प्रीमियर ऑटोमोबाइल कंपनी की पहचान के लिए भी आखिरी होगा। यह कंपनी वर्षों पहले बंद हो चुकी है, लेकिन टैक्सी के रूप चल रही प्रीमियर पद्मिनी ने उसके नाम को बनाए रखा था। आखिरी पद्मिनी टैक्सी के मालिक अब्दुल करीम कारसेकर ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि बीस साल के इस सफर में मुझे मेरी प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी से काफी लगाव हो गया है। साल 2001 में मैंने इस गाड़ी को एक लाख 60 हजार रुपये में बुक किया था, लेकिन टैक्सी यूनियन की हड़ताल के चक्कर में यह टैक्सी मुझे साल 2003 में मिली। बीस साल के इस सफर के दौरान मैंने केवल इसी टैक्सी को चलाया। इस टैक्सी के साथ मेरी कई यादें जुड़ी हैं। एक बच्चे की तरह मैंने इस गाड़ी को संभाला है। सरकारी नियम के अनुसार मेरी टैक्सी ने भले ही 20 साल का सफर पूरा कर लिया है, लेकिन मेरे लिये मेरी गाड़ी आज भी फिट एंड फाइन है। मैंने इस गाड़ी के रखरखाव का हमेशा ख्याल रखा, कभी खरोंच तक आने नहीं दी। आज भी इसके लिए सालाना 8,300 रुपये ग्रीन टैक्स भर रहा हूं। नियम के अनुसार अब यह 30 अक्टूबर से आगे नहीं चल सकती। लेकिन सरकार से अनुमति मिली तो इस टैक्सी को ग्रीन टैक्स भरकर मैं रख सकता हूं। वरना भंगार में इसे कटिंग करना पड़ेगा।
नेता कम अभिनेता ज्यादा बैठे
मुंबई की शान रही प्रीमियर पद्मिनी काली पीली टैक्सी की डिमांड आज भी फिल्मों और विज्ञापनों की शूटिंग के लिए रहती है। आखिरी टैक्सी होने के कारण शनिवार और रविवार को यह हमेशा बुक रहती है। बीस वर्षों में मेरी गाड़ी में नेता कम अभिनेता ज्यादा बैठे हैं। इस गाड़ी में आलिया भट्ट, कैटरीना कैफ, मनोज वाजपेयी, अनिल कपूर, अमिताभ बच्चन जैसी फिल्मी हस्तियों ने सफर किया है।
वडा पाव खाया और बीमार हो गया
कारसेकर ने पद्मिनी टैक्सी से जुड़ी एक और घटना को साझा करते हुए बताते हैं कि गेटवे ऑफ इंडिया में एक विज्ञापन की शूटिंग थी। इस दौरान मुझे गाड़ी के पास खड़े होकर वड़ा पाव खाना था। शूटिंग के दौरान कट एंड रिटेक के चक्कर में मैं छह वड़ा पाव खा गया और अगले दिन बीमार पड़ गया।
मुंबई टैक्सीमेन्स यूनियन के महासचिव ए.एल क्वाड्रोस ने बताया कि 60 के दशक में जब प्रीमियर पद्मिनी मुंबई की सड़कों पर कालीपीली टैक्सी के रूप में चलनी शुरू हुई थी, तो यह आकर्षण का केंद्र थी। साल 2001 में प्रीमियर पद्मिनी का निर्माण बंद हो गया, कलपुर्जे मिलना बंद हो गया। सुरक्षा के लिहाज से साल 2008 में सरकार ने कोर्ट के आदेश पर गाड़ी के 20 साल पूरा होने पर इनके चलने पर रोक लगा दी।