खुलासा: राज्य में बड़ी संख्या में नाबालिग हो रहे साइबर बुलिंग के शिकार

  • बच्चों को जागरूक करने में जुटा क्राई
  • नाबालिग हो रहे साइबर बुलिंग के शिकार

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-14 13:09 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. महाराष्ट्र में दूसरे राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा नाबालिग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं जिनमें से बड़ी संख्या में साइबर बुलिंग का शिकार होते हैं। राज्यभर में चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के दौरान चाइल्ड एंड यू (क्राई) के प्रतिनिधियों को बच्चों की स्वीकारोक्ति से यह खुलासा हुआ है। नाबालिग लड़कों और लड़कियों दोनों ने सोशल मीडिया पर बुलिंग की शिकायत की है। विद्यार्थियों ने यह भी बताया कि उन्हें अक्सर अनजान लोगों से फ्रेंड रिक्वेस्ट मिलते हैं। इंस्टाग्राम, फेसबुक, स्नैपचैट जैसे ऐप नाबालिगों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। जागरूकता अभियान के तहत क्राई अब तक राज्य के 20 हजार से ज्यादा स्कूली बच्चों तक पहुंच चुका है। 788 स्वयंसेवकों की मदद से अभियान देशभर में चल रहा है और 12 राज्य और 23 शहर इसमें शामिल हैं। महाराष्ट्र में क्राई ने विद्यार्थियों को जागरूक करने की मुहिम में राष्ट्रीय सामाजिक सेवा (एनएसएस) के छात्रों के साथ भी हाथ मिलाया है। क्राई की पश्चिमी क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक क्रिएन रबाडी ने कहा कि तकनीक बच्चों की जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बनती जा रही है। ऐसे में जरूरी हो गया है कि उन्हें आसानी से उपलब्ध हानिकारक और अनुचित कंटेंट से बचाया जाए। साथ ही उन्हें अनचाहे लोगों और खतरों से भी बचाए जाने की जरूरत है इसीलिए हम लगातार पांचवीं से नौवीं कक्षा के बच्चों के बीच वर्कशॉप आयोजित कर रहे हैं। अभियान में साथ देने के लिए हम महाविद्यालयों, स्कूलों और एनएसएस के आभारी हैं। कोविड में सर्वे के दौरान खुलासा हुआ था कि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा नाबालिग इंटरनेट का इस्तेमाल करके हैं इसलिए यहां जागरूकता अभियान सबसे अहम है। बच्चों के इंटरनेट के इस्तेमाल के मामले में महाराष्ट्र के बाद पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश और कर्नाटक का नंबर आता है।

कैसे करते हैं जागरूक

रबाडी ने बताया कि हम बच्चों को स्मार्ट और सतर्क बनाने की कोशिश करते हैं। उन्हें बताया जाता है कि किस तरह कंप्यूटर और मोबाइल का ऑनलाइन सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करें। उन्हें सुरक्षित पासवर्ड, सोशल मीडिया पर निजी जानकारी न साझा करने और अपने एकाउंट की प्रायवेसी सेटिंग अच्छी तरह से संभालना सिखाया जाता है। बच्चों को यह भी बताया जाता है कि साइबर बुलिंग का शिकार होने पर उसकी शिकायत कहां और कैसे करें। उन्हें यह भी बताया जाता है कि बहिष्कार, भड़काने, उत्पीड़न, छद्मवेश और आउटिंग जैसे तरीकों से कैसे साइबर बुलिंग की जाती है।

6 से 16 साल की लड़कियां इंटरनेट पर सबसे ज्यादा बितातीं हैं समय

सर्वे के मुताबिक राज्य में छह से सोलह साल के बीच के उम्र की लड़कियां रोजाना 4.27 घंटे समय इंटरनेट पर बितातीं हैं। इसी उम्र के लड़के औसत साढ़े तीन घंटे रोजाना इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। जबकि दूसरे राज्यों में यह औसत 1 से 2 घंटे के बीच ही है। छह साल से कम उम्र के बच्चे भी रोजाना डेढ़ घंटे से ज्यादा समय इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। 14 से 18 साल की लड़कियां औसत 3.8 घंटे जबकि इसी उम्र के लड़के 4.3 घंटे टरनेट पर बिता रहे हैं। 18 साल से ज्यादा उम्र की लड़कियां 2.3 जबकि लड़के 2.7 घंटे रोजाना इंटरनेट पर बिताते हैं।

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