स्वास्थ्य से खिलवाड़: फलों के राजा पर केमिकल का ग्रहण, सेहत से खिलवाड़ करनेवालों की खैर नहीं
- केमिकल से पका रहे आम
- एफडीए करेगा गोदाम और बाजार में उपलब्ध फल की जांच
- एफएसएसएआई ने दिया सुझाव
डिजिटल डेस्क, मुंबई. प्रदेश में आम की आवक ने जोर पकड़ ली है। ऐसे में अच्छी जाति के आमों को जल्द से जल्द पकाकर नफा कमाने की लालच में व्यापारी ऐसे हथकंडे अपनाते हैं, जिससे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा हो जाता है। इसमें से एक है कच्चे आम को जल्द पकाने के लिए केमिकल का उपयोग, जो प्रतिबंधित है। इसके मद्देनजर एफडीए (अन्न व औषधि प्रशासन) महाराष्ट्रने कैल्शियम कार्बाइडसे आम पकाने वाले विक्रेताओं पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। इसके तहत गोदाम और बाजार में उपलब्ध आमों की जांच की जाएगी।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने बीते दिनों खाद्य व्यापारियों से आम पकाने के लिए ‘कैल्शियम कार्बाइड' का इस्तेमाल न करने की चेतावनी जारी की थी। इस चेतावनी के साथ ही एफएसएसएआई ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा विभागों को सतर्क रहने का आदेश दिया है। साथ ही एफएसएसएआई ने इन गैरकानूनी कामों में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई का भी निर्देश दिया है। इस निर्देश के बाद ही प्रदेश के एफडीए ने इन केमिकल युक्त आमों की जांच करने का निर्णय लिया है।
टीम होगी गठित
एफडीए के संयुक्त आयुक्त शैलेश आढाव ने बताया कि जल्द ही बाजारों में उपलब्ध आमों की जांच की जाएगी। इसके लिए खाद्य निरीक्षकों की टीम गठित की जाएगी। यह टीम खुदरा बाजारों और थोक बाजारों और गोदामों में रखे आमों की जांच करेगा। इस जांच में अगर आम केमिकल युक्त पाए गए तोउन्होंने बताया कि इस जांच में अगर आम को पकाने के लिए प्रतिबंधित केमिकल कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल पाया गया तो संबंधितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या है कैल्शियम कार्बाइड
एफएसएसएआई की मानें तो आम को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल पर वर्ष 2011 से बैन लगा हुआ है। कैल्शियम कार्बाइड एसिटिलीन गैस छोड़ता है, जिसमें आर्सेनिक और फास्फोरस के अंश होते हैं। इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। इन खतरनाक तत्वों को मसाला के नाम से भी जाना जाता है।
यह स्वास्थ्य समस्या हो सकती है
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. दीपक बैद ने बताया कि कैल्शियम कार्बाइड की वजह से चक्कर आना, बार-बार प्यास लगना, जलन, कमजोरी, निगलने में कठिनाई, उल्टी और त्वचा के अल्सर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। कैल्शियम कार्बाइड से पकाए गए फल खाने से लीवर और गुर्दा खराब हो सकता है। अगर ऐसे फलों को लंबे समय तक खाया जाए तो कैंसर भी हो सकता है।
इस तरह कर सकते हैं पहचान
एफडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आम खरीदने से पहले उसके आकार, बनावट और रंग को देखें। केमिकल से पका हुआ आम छिलके से गुठली की तरफ पकता है और यह आकार में पेड़ पर पके आम से बड़ा होगा। इसके अलावा यह हद से ज्यादा पीला दिख रहा है तो इसे खरीदने से बचें। इसके साथ ही कार्बाइड से पकाए गए आमों पर काले और सफेद धब्बे नजर आते हैं।