बॉम्बे हाईकोर्ट: अवैध निर्माण को लेकर कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका (केडीएमसी) को लगाई फटकार
- केडीएमसी के आयुक्त को किया तलब
- जनहित याचिका पर सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने अवैध निर्माण को लेकर कल्याण-डोंबिवली महानगर पालिका (केडीएमसी) को फटकार लगाते हुए पूछा कि सरकारी जमीन पर बड़े पैमाने पर कैसे अवैध हो गया? आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार है। अदालत ने केडीएमसी के आयुक्त को 24 जनवरी की अगली सुनवाई पर हाजिर रहने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को हरिशचंद्र महात्रे की ओर से वरिष्ठ वकील श्रीराम कुलकर्णी और वकील नितेश मोहिता की दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील कुलकर्णी ने दलील दी कि डोंबिवली में सरकारी भूमि पर अवैध इमारत का निर्माण किया गया है, जिसमें 1 लाख 15 हजार से अधिक लोग रहते हैं। सरकारी भूमि पर इमारत बनाने वाले भूमाफिया के लोग शिकार हुए हैं। डोंबिवली के राम मंदिर रोड, देवी चौक रोड, डॉ.नेमाडे स्ट्रीट, कोपर रोड और शास्त्री नगर समेत विभिन्न ठिकानों पर अवैध निर्माण किया गया है। केडीएमसी सरकारी भूमि पर बने अवैध इमारत पर कार्रवाई करने से बच रही है। पिछले दिनों अदालत ने केडीएमसी से पूछा था कि अवैध निर्माण के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।
बुधवार को केडीएमसी ने अदालत के समक्ष हलफनामा पेश किया, तो खंडपीठ ने केडीएमसी के जवाब पर नाराजगी जताते हुए उस फटकार लगाई। अदालत ने केडीएमसी के आयुक्त को तलब किया है। अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान केडीएमसी आयुक्त को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि अनधिकृत निर्माण और सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे को हटाने से संबंधित मामलों का पालन किया जाए और यदि कोई अधिकारी अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कमी या गलती करता पाया गया, तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।