मराठा आरक्षण: जरांगे - पाटील के आरोपों पर एसआईटी गठित, समाज को 10 प्रतिशत आरक्षण लागू
- पवार बोले अगर हम पर शक है तो फोन की जांच करें
- मराठा समाज को 10 प्रतिशत आरक्षण लागू
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा आरक्षण को लेकर पिछले कई दिनों से चल रहा बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में मनोज जरांगे-पाटील द्वारा गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर लगाए गए गंभीर आरोपों का मामला उठा। भाजपा विधायक आशीष शेलार ने विधानसभा में पॉइंट ऑफ इनफार्मेशन के तहत मामला उठाते हुए कहा कि जरांगे राजनीतिक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में उनकी विशेष जांच समिति (एसआईटी) के जरिए जांच होनी चाहिए। शेलार ने कहा कि जरांगे के पीछे कुछ राजनेताओं का हाथ है, जिसका खुलासा होना चाहिए। शेलार की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने इस मामले की जांच एसआईटी से करने के आदेश दिए। दो दिन पहले ही फडणवीस ने जरांगे-पाटील पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि वो शरद पवार और उद्धव ठाकरे की स्क्रिप्ट बोल रहे हैं। इस पर शरद पवार ने पुणे में कहा कि अगर सत्ता में बैठे हुए लोगों को यह लगता है कि हमने जरांगे को फोन किया था तो वह हमारे फोन की और जरांगे एवं उनके सहयोगियों के फोन की भी जांच करें। राजेश टोपे जरांगे के पड़ोसी हैं। उन पर आरोप लगाना भी पूरी तरह से राजनीतिक है। टोपे भी कह चुके हैं कि अगर उन पर लगाए गए आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। एसआईटी जांच की घोषणा के बाद जरांगे ने कहा कि मैं गरीब मराठाओं का काम कर रहा हूं, इसलिए फडणवीस सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं। मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं और मैं किसी से डरने भी वाला नहीं हूं। इससे पहले फडणवीस ने विधानसभा में बोलते हुए कहा कि मुझे जरांगे-पाटील के विषय पर बोलने की इच्छा नहीं है, लेकिन जब विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं तो उनके आदेश का पालन किया जाएगा।
मराठा समाज को 10 प्रतिशत आरक्षण लागू
प्रदेश में मराठा समाज को सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करने संबंधित विधेयक को राज्यपाल रमेश बैस ने मंजूरी दे दी है। मंगलवार को राज्य सरकार ने इससे संबंधित राजपत्र जारी कर दिया है। इससे राज्य में मराठा समाज को सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में आरक्षण लागू हो गया है। इस बीच सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने मराठा आरक्षण को लागू करने के लिए शासनादेश भी जारी कर दिया है। सरकार ने सरकारी भर्ती में संशोधित रोस्टर (बिंदुनामवली) निश्चित किया है। इससे राज्य की सरकारी नौकरियों में मराठा समाज को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। इससे पहले गत 20 फरवरी को विधानमंडल के विशेष अधिवेशन में दोनों सदनों में मराठा आरक्षण विधेयक को मंजूर मिली थी।
राज्य में आरक्षण की स्थिति
प्रवर्ग आरक्षण प्रतिशत
ओबीसी - 19 प्रतिशत
अनुसूचित जाति - 13 प्रतिशत
मराठा - 10 प्रतिशत
अनुसूचित जनजाति - 7 प्रतिशत
विमुक्त जाति (अ) - 3 प्रतिशत
घमुंतु जनजाति (ब,क,ड) - 8 प्रतिशत
विशेष पिछड़ा वर्ग - 2 प्रतिशत
आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग- 10 प्रतिशत
कुल आरक्षण -72 प्रतिशत