नए शासनादेश से भी संतुष्ट नहीं हुए जरांगे, अब मराठवाडा नहीं पूरे महाराष्ट्र के लिए चाहते हैं जीआर
- नए शासनादेश से भी संतुष्ट नहीं
- पूरे महाराष्ट्र के लिए चाहते हैं जीआर
- अनशन समाप्त करने की कोशिश असफल
डिजिटल डेस्क, मुंबई. प्रदेश सरकार के मराठा समाज को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने संबंधी नए शासनादेश को भी अनशन पर बैठे मनोज जरांगे पाटील ने ठुकरा दिया है। वे मराठा समाज के सभी लोगों को बिना किसी शर्त के कुनबी जाति का प्रमाणपत्र तत्काल प्रभाव से देने के लिए शासनादेश जारी करने की मांग पर अडिग हैं। सरकार की ओर से शासनादेश में दोबारा संशोधन किए जाने तक जरांगे पाटील जालना के अंबड तहसील के अंतरवाली सराटी गांव में अनशन जारी रखेंगे।
इससे जरांगे पाटील का अनशन खत्म कराने की सरकार एक और विफल हो गई है। उन्होंने रविवार सुबह से जल त्याग और इलाज न कराने की चेतावनी भी दी है। शनिवार को शिवसेना (शिंदे) के नेता तथा प्रदेश के पूर्व राज्य मंत्री अर्जुन खोतकर ने जालना में अनशन स्थल पर जरांगे पाटील को मराठों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने संबंधी सरकार के नए शासनादेश की प्रति को बंद लिफाफे में सौंपा।
सीएम के साथ देररात बैठक के बाद जारी हुआ था नया शासनादेश
दरअसल, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार देर करीब रात ढाई बजे तक राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में जरांगे पाटील के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की थी। जिसमें प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के सामने मराठों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने को लेकर जरांगे पाटील का पक्ष रखा था। जिसके बाद शनिवार को दोपहर में प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने वापस जालना पहुंचकर जरांगे पाटील को मुख्यमंत्री से हुई चर्चा की जानकारी दी। इस दौरान सरकार के प्रतिनिधि के रूप में खोतकर ने जरांगे को सरकार का नया शासनादेश सौंपा। खोतकर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मुझे शासनादेश के लिफाफे को खोलने से सख्त मना किया था। इसलिए मैंने शासनादेश का लिफाफा सीधे जरांगे पाटील को दिया है। जबकि जरांगे पाटील ने कहा कि सरकार ने मराठों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने के लिए नया शासनादेश जारी किया है। शासनादेश के अनुसार मराठा समाज के जिन लोगों के पास कुनबी जाति के वंशावली का दस्तावेज होगा उन्हें ही कुनबी जाति प्रमाण पत्र दिया जा सकेगा। इसलिए मैंने सरकार को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने के लिए वंशावली की शर्त को रद्द करने नियमों में सुलभता लाने संबंधी शासनादेश जारी करने की मांग की है। शासनादेश में पूरे महाराष्ट्र में मराठा समाज के लोगों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र तत्काल प्रभाव से देने की बात का उल्लेख होना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि सरकार शासनादेश में संशोधन करेगी। शासनादेश में फिर से संशोधन होने तक मेरा अनशन जारी रहेगा।
रविवार से जल त्याग की चेतावनी
जरांगे पाटील ने कहा कि मैं सरकार के आग्रह के कारण पानी लेने के साथ इलाज भी करा रहा था लेकिन मैं रविवार सुबह से जल त्याग करूंगा और उपचार भी नहीं कराऊंगा। जरांगे पाटील ने कहा कि राज्य में मराठा समाज के लोग अग्र आंदोलन न करें। जो लोग मराठा आरक्षण आंदोलन के खिलाफ मीडिया में बोल रहे हैं। हम लोग उसका भी जवाब नहीं देंगे। हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से शुरू रहेगा।
हम जरांगे पाटील को समझाने में कम पड़ रहे - अजित पवार
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि सरकार की ओर से जरांगे पाटील को समझाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन हम उन्हें समझाने में कम पड़ रहे हैं। जरांगे पाटील भी सरकार की भूमिका को नहीं समझ नहीं रहे हैं। इसलिए उन्होंने अनशन जारी रखा है।
दो दिन रुकिए, खुशखबर मिलेगी- खोतकर
जालना में शिवसेना (शिंदे) के नेता खोतकर ने कहा कि जरांगे पाटील के मनमुताबिक शासनादेश नहीं निकल पा रहा है। इसलिए उन्होंने अनशन जारी रखने का फैसला लिया है। फिलहाल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दिल्ली में हैं। इसलिए दो दिन रुक जाइए, सभी लोगों को खुशखबर मिलेगी।