दिलचस्पी नहीं: मुख्यमंत्री मेरा स्कूल सुंदर स्कूल प्रतियोगिता को लेकर स्कूलों की बेरुखी

  • करीब एक महीने बाद 10 फीसदी ने भी पूरी नहीं की नामांकन प्रक्रिया
  • दिए जाने हैं करोड़ों के इनाम
  • 43 हजार 533 स्कूलों ने तो अब तक नामांकन की प्रक्रिया शुरू ही नहीं की

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-29 10:27 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने को लेकर स्कूलों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए राज्य में मेरा स्कूल सुंदर स्कूल प्रतियोगिता शुरू की गई है। इस प्रतियोगिता के जरिए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की भी कोशिश की जा रही है लेकिन ऐसा लगता है कि करोड़ों के इनाम के बावजूद स्कूलों को ही इस प्रतियोगिता में दिलचस्पी नहीं है। करीब एक महीने बीत जाने के बावजूद राज्य के 10 फीसदी स्कूलों ने भी नामांकन की प्रक्रिया तक पूरी नहीं की है। 45 दिन चलने वाली स्पर्धा में राज्य से सभी निजी और सरकारी स्कूल शामिल हो सकते हैं लेकिन राज्य के 1 लाख 12 हजार 187 स्कूलों में से अब तक 9 हजार 618 स्कूलों ने ही नामांकन की प्रक्रिया पूरी की है।

59 हजार 43 स्कूलों ने मानांकन की प्रक्रिया आंशिक रुप से पूरी की है जबकि 43 हजार 533 स्कूलों ने तो अब तक नामांकन की प्रक्रिया शुरू ही नहीं की है। 1 जनवरी से शुरू हुई इस प्रतियोगिता के लिए 15 मार्च कर नामांकन कराया जा सकता है। इस प्रतियोगिता में शामिल स्कूलों का मूल्यांकन किया जाएगा और उन्हें अंक दिए जाएंगे। 100 अंक में से सबसे ज्यादा अंक पाने वाले हर विभाग के तीन स्कूलों को पुरस्कार दिए जाएंगे।

राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में विजेता स्कूल को 51 लाख, दूसरे नंबर पर रहने वाले स्कूल को 21 लाख और तीसरे नंबर के स्कूल को 11 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा विभागों के तीन सबसे अच्छे स्कूलों को भी सम्मानित किया जाएगा। इस अभियान के तहत स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्रीय एकता, स्वास्थ्य, आर्थिक साक्षरता, कौशल विकास से जुड़ी प्रतियोगिताएं होंगी।

सरकार की कोशिश है कि इस अभियान के जरिए स्कूल और विद्यार्थी समाज से भी जुड़े और विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो लेकिन स्कूलों की बेरुखी सरकार की उम्मीदों पर पानी फेर सकती है। शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वीकार किया कि फिलहाल बड़ी संख्या में स्कूल नामांकन की प्रक्रिया पूरी नहीं की है लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि समय खत्म होने से पहले ज्यादातर स्कूल न सिर्फ नामांकन करेंगे बल्कि अभियान में सक्रिय रुप से शामिल भी होंगे क्योंकि यह स्कूलों और विद्यार्थियों दोनों के हित में है। उन्होंने कहा कि हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि अभियान में सभी स्कूल शामिल हों।

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