रिपोर्ट: साल 2022 में महाराष्ट्र सहित पांच राज्यों में पर्यावरण से संबंधित 94 प्रतिशत मामले दर्ज

  • अदालतों में लंबित मामलों का अंबार
  • पर्यावरण से संबंधित अपराधों में 18 प्रतिशत की भले ही कमी आई

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-31 16:40 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. पर्यावरण संबंधी अपराधों में देश में महाराष्ट्र सहित पांच राज्य सबसे ऊपर है। साल 2022 में केवल इन राज्यों में पर्यावरण से संबंधित 94 प्रतिशत अपराध दर्ज किए गए है। महाराष्ट्र की बात करें तो यहां वर्ष 2021 में जहां 1094 मामले दर्ज किए थे, वहीं 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 2478 हुई है।

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट ने शुक्रवार को पर्यावरण की स्थिति पर अपनी ताजा रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2021 में पर्यावरण से संबंधित अपराधों की संख्या 64,471 थी। जबकि 2022 में 52,920 दर्ज किए गए। हालांकि, 2021 के मुकाबले 2022 में मामलों में कमी दिख रही है, लेकिन 2022 में 94 प्रतिशत पर्यावरण से संबंधित अपराध केवल पांच राज्यों में दर्ज किए गए, जिसमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान, केरल और उत्तर प्रदेश शामिल है। 

अदालतों में लंबित मामलों का अंबार

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में 2021 और 2022 के बीच पर्यावरण से संबंधित अपराधों में 18 प्रतिशत की भले ही कमी आई है, लेकिन जल, जंगल, जमीन, वायु, वन्यजीव आदि से संबंधित लंबित मामलों का अदालतों में पुराने मामलों के निपटान में देरी और नए मामलों के दर्ज होने से अंबार लगा हुआ है। वजह है इसके निपटान की गति बहुत धीमी होना है। रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में पर्यावरण से संबंधित 52,920 अपराध दर्ज किए गए थे। वहीं इसी अवधि के दौरान अदालतों में 1,39,246 मुकदमे थे, इनमें से 49,940 मामले ट्रायल में गए, जबकि 89,306 मुकदमे लंबित ही रहे। साल के अंत तक 88,439 मुकदमे ट्रायल के लिए लंबित थे।

अदालतों में मामलों के निपटान की गति को देखे तो मंजिल काफी दूर नजर आती है। रिपोर्ट मे बताया गया है कि एक साल में सभी लंबित मुकदमों को खत्म करने के लिए अदालतों को एक दिन में 242 मामलों का निपटारा करना पडेगा।

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