मांग: शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में आरोपी को मिले फांसी - रामदास आठवले
- रविवार को गरमाई रही राज्य की राजनीति
- शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने का मामले
- आरोपी को मिले फांसी
डिजिटल डेस्क, मुंबई. राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना को लेकर पिछले एक सप्ताह से महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई है। रविवार को महाविकास आघाडी के दलों ने राज्य की महायुति सरकार के खिलाफ जूता मारो आंदोलन किया। जिसका पलटवार महायुति के दलों ने आघाडी के विरोध में प्रदर्शन करके किया। इधर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने इस घटना के दोषी को फांसी की सजा देने की मांग की। आठवले ने कहा कि राज्य सरकार को नए-नवेले शिल्पकार को शिवाजी महाराज की प्रतिमा बनाने का ठेका नहीं देना चाहिए था। आठवले ने कहा कि महाराज की जो प्रतिमा गिरी है, वह काफी दुखदाई है।
कब, क्या हुआ?
महाविकास आघाडी के दलों ने राजकोट की घटना के विरोध में जूता मारो आंदोलन करने का ऐलान कई दिन पहले ही किया था। इस आंदोलन की शुरुआत रविवार को मुंबई के हुतात्मा चौक से हुई। सबसे पहले हुतात्मा चौक पर तीनों ही दलों के प्रमुख नेता राकांपा (शरद) अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, कांग्रेस सांसद छत्रपति शाहूजी महाराज, मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड, कांग्रेस नेता नसीम खान, शिवसेना नेता संजय राऊत, आदित्य ठाकरे और शरद गुट की सुप्रिया सुले सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे। शहीदों को सलाम करने के बाद सभी नेता कार्यकर्ताओं के साथ गेटवे ऑफ इंडिया की तरफ रवाना हुए। जहां उन्होंने गेटवे पर पहुंचकर सबसे पहले छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन किया। उसके बाद महायुति सरकार में मौजूद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दोनों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अजित पवार के पोस्टर पर जूते मारे।
राकांपा (शरद) कार्याध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि चुनाव आते और जाते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र टिके रहना चाहिए। सुले ने कहा कि राजनीति में कुछ कार्य ऐसे किए जाते हैं, जो जनता के हित और राज्य के हित में हों। लेकिन राज्य की महायुति सरकार ने शिवाजी महाराज के पुतले बनाने में जो प्रक्रिया अपनाई, उसने महाराष्ट्र की प्रतिमा को आज बहुत ठेस पहुंचाई है।
शिवसेना (उद्धव) सांसद एवं प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतले गिरने की घटना को लेकर माफी मांगी है तो मामला यहीं खत्म नहीं होता है। राज्य की जनता उनकी माफी पर फैसला करेगी। राउत ने कहा कि राज्य के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के खलनायक हैं।
महाराष्ट्र दौरे पर पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया इंचार्ज पवन खेड़ा ने कहा कि शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने से महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि देश भर के लोगों में गुस्सा है। खेड़ा ने कहा कि जो काम मुगल नहीं कर पाए, वह काम भाजपा के भ्रष्टाचारी नेताओं ने कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहंकार की भाषा में माफी मांगते हैं, जो महाराष्ट्र की जनता को मंजूर नहीं है।
मराठा आरक्षण को लेकर दम भरने वाले मनोज जरांगे-पाटील ने रविवार को राजकोट किले का दौरा करने के बाद विपक्ष को शिवाजी महाराज पर राजनीति करने से बाज आने को कहा। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज का विषय राजनीति करने का नहीं है, इसलिए सत्ता पक्ष और विपक्ष को इस पर कोई राजनीति नहीं करनी चाहिए।