बड़ा प्रयत्न: मेंब्रेन तकनीक में शोध के लिए आईआईटी बांबे ने की रिसर्च सेंटर की शुरुआत
- पानी साफ करने से लेकर बायोआर्टिफिशिलय आर्गन के निर्माण तक में होता है इस्तेमाल
- आईआईटी बांबे ने की रिसर्च सेंटर की शुरुआत
डिजिटल डेस्क, मुंबई. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बांबे ने मेंब्रेन रिसर्च के लिए गोगरी हब की शुरूआत की है। मेंब्रेन तकनीक का इस्तेमाल गंदे पानी को साफ करने, किडनी डायलिसिस, बायोआर्टिफिशिलय आर्गन के निर्माण जैसे कई कार्यों के लिए होता है लेकिन देश में इसे लेकर बेहद कम रिसर्च हो रहा है। आईआईटी बांबे की कोशिश है कि रिसर्च के जरिए देश को मेंब्रेन तकनीक में अग्रणी देशों में शामिल किया जाए। आईआईटी बांबे के निदेशक प्रोफेसर सुभासिस चौधरी ने कहा कि इस बात के लिए प्रयत्न कर रहे हैं कि हमारी प्रयोगशालाओं में जो रिसर्च किए जा रहे हैं उसका फायदा आम लोगों, समाज, पर्यावरण और इंडस्ट्री सभी को हो।
हब की स्थापना में आर्थिक मदद के लिए उन्होंने आईआईटी बांबे के पूर्व छात्र मिरिक गोगरी समेत उनके परिवार के दूसरे सदस्यों के प्रति आभार जताया। चौधरी ने कहा कि दुनिया में मेंब्रेन तकनीक का बाजार 8 मिलियन डॉलर का हो चुका है और यह सालाना 10 फीसदी की दर से प्रगति कर रहा है। भारत दुनिया में मेंब्रेन तकनीक का सबसे बड़ा आयातक है और सर साल इस पर एक बिलियन डॉलर खर्च करता है। इससे पता चलता है कि इस क्षेत्र में बहुत कुछ किया जा सकता है। विदेश के आने वाली तकनीक मंहगी होती है और हमें देश के लोगों खासकर ग्रामीण इलाकों में रहने वालों के लिए कम कीमत पर तकनीक उपलब्ध करानी है।
देश में मेंब्रेन तकनीक के विकास से ही यह संभव हो सकता है। बुधवार को आईआईटी बांबे में इस हब की शुरुआत हुई। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद केंद्रीय नमक व समुद्री रसायन अनुसंधान संस्थान और वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद के निदेशक कन्नन श्रीनिवासन ने कहा कि पिछले छह दशकों में सीएसआईआर ने मेंब्रेन रिसर्च के क्षेत्र में बड़ी प्रगति की है। गुजरात के कच्छ में हमने समुद्र का पानी साफ कर लोगों तक पहुंचाया है। हमने हमने गंदे पानी को साफ करने के लिए मोबाइल डिसैलिनेशन प्रोजेक्ट तैयार किया जिसके लिए इलेक्ट्रिकल सॉकेट की जरूरत नहीं होती है। मिरिक गोगरी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यहां होने वाली रिसर्च से हमें जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य के क्षेत्र की चुनौतियों ने निपटने में मदद मिलेगी।