निशाना: शिंदे समिति को ओबीसी समाज का रिकार्ड मिला है तो श्वेत-पत्र निकालें
- श्वेत-पत्र निकालें
- ओबीसी समाज का रिकार्ड
डिजिटल डेस्क, नागपुर. सेवानिवृत्त न्या. संदीप शिंदे की अध्यक्षता में नियुक्त समिति राज्य में कुणबी समाज का रिकार्ड ढूंढ रही है। इसमें ओबीसी में शामिल जाति का उल्लेख ढूंढकर उसकी श्वेत-पत्रिका प्रकाशित करें। यह मांग राज्य के विरोधी पक्षनेता विजय वडेट्टीवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर की है। उन्होंने कहा कि ओबीसी समाज को रिकार्ड नहीं मिलने से उन्हें आरक्षण सहित अन्य योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है।
यह ओबीसी पर अन्याय जैसा
मुख्यमंत्री को लिखे निवेदन में विरोधी पक्षनेता ने कहा कि जरांगे पाटील शुरू से मराठवाड़ा के मराठों को कुणबी प्रमाण-पत्र देने के लिए अाग्रही हैं। संपूर्ण राज्य के मराठों को सीधे तौर पर कुणबी प्रमाण-पत्र देने के लिए बेमियादी अनशन किया था। मराठवाडा विभाग छोड़कर अन्य विभाग में अथवा राज्य में सबूत ढूंढे जा रहे हैं। यह ओबीसी पर अन्याय जैसा है। फिलहाल राज्य में ओबीसी की 372 जातियां हैं। इन जातियों के व्यक्ति अथवा परिवार के सदस्यों को 1967 के पूर्व का रिकार्ड ढूंढते समय मानसिक और आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखकर कुणबी का रिकार्ड ढूंढते समय ओबीसी का भी रिकार्ड ढूंढकर उसकी श्वेत पत्रिका प्रसिद्ध करने की मांग की है।
सर्वदलीय नेताओं की एक समान भूमिका : बावनकुले
ओबीसी का आरक्षण कम न करते हुए मराठा समाज को अलग आरक्षण दें, छगन भुजबल की इस भूमिका का भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने समर्थन किया है। यहां माध्यमों से बोलते हुए बावनकुले ने महाराष्ट्र के सर्वदलीय नेताओं की यही भूमिका होने का स्पष्ट किया है। शरद पवार से नाना पटोले तक सभी इसी भूमिका में है। ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष बबनराव तायवाडे ने भी छगन भुजबल का समर्थन किया है। ओबीसी को फिलहाल मिल रहे 19 प्रतिशत आरक्षण से मराठा समाज को आरक्षण न दें। किसी भी परिस्थिति में मराठा समाज को सीधे कुणबी समाज का जाति-प्रमाणपत्र देकर उनका ओबीसीकरण न करने की मांग तायवाडे ने की है।