भूख हड़ताल जारी: बिगड़ती जा रही है जरांगे पाटील की तबियत, बोले - मेरी जुबान बंद होने से पहले चर्चा के लिए आओ
- पाटील को मुख्यमंत्री शिंदे पर भरोसा करना चाहिए- देवेंद्र फडणवीस
- अनशन स्थल पर अपनी मां को देखकर नाराज हुए पाटील
डिजिटल डेस्क, मुंबई. मराठा आरक्षण को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर गए मनोज जरांगे पाटील की हालत बिगड़ती जा रही है। भूख हड़ताल के पांचवें दिन उनकी हालत बिगड़ी हुई दिखाई दी। जिस समय जरांगे पाटील रविवार को मीडिया से बात कर रहे थे उनके हाथ कांप रहे थे। जरांगे पाटील की हालत को देखते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पाटील से अपनी तबीयत के बारे में ध्यान रखने को कहा। फडणवीस ने कहा कि पाटील को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भरोसा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरी जुबान बंद होने से पहले सरकार को चर्चा के लिए आना चाहिए। मराठा आरक्षण को लेकर राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा देखने को भी मिली।
हड़ताल के पांचवें दिन मनोज जरांगे की मां प्रभावती उनसे मिलने के लिए अनशन स्थल पर पहुंच गईं। जैसे ही जरांगे पाटील ने अपनी मां को स्टेज के पास देखा तो वह कार्यकर्ताओं पर भड़क गए। उन्होंने कहा कि मुझे अपने परिवार को यहां देखने पर काफी दुख होता है। कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा कि आप क्या सुनना चाहते हैं। परिवार का यहां आना मुझे काफी परेशान करता है। रविवार को पाटील बिगडी हालत में मीडिया से बात कर रहे थे। बात करते समय उनके हाथ भी कांप रहे थे।
जालना में हिंसक प्रदर्शन
जरांगे पाटील की भूख हड़ताल के पांचवें दिन जालना में एक बार फिर हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला। प्रदर्शनकारियों ने राज्य परिवहन की दो बसों पर पत्थरबाजी की हालांकि इसमें किसी को चोट नहीं आई। इसके अलावा जालना की तहसीलदार छाया पवार की गाड़ी पर भी अनशनकारियों ने पत्थरबाजी की।
पाटील को मुख्यमंत्री शिंदे पर भरोसा करना चाहिए- देवेंद्र फडणवीस
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पाटील के अनशन के पांचवें दिन कहा कि उनकी हालत बिगड़ रही है उन्हें अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा पाटील के साथ जो लोग हैं उन्हें भी उनका ख्याल रखना चाहिए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और उन्हें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भरोसा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया कैमरों के सामने चर्चा नहीं की जा सकती । फडणवीस के बयान पर जरांगे पाटील ने कहा कि फडणवीस को चर्चा के लिए आना चाहिए। मराठा समाज के लोग उन्हें नहीं रोकेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक मैं बोल रहा हूं तब तक चर्चा के लिए आओ। उसके बाद इसका कोई उपयोग नहीं होगा। पाटील ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम 30-31 अक्टूबर तक इंतजार करेंगे। सरकार मानवता नहीं समझती है, हम उसका जवाब देंगे।
आंदोलन के पांचवें दिन पाटील ने अनशन स्थल पर मौजूद लोगों की विनती के बाद थोड़ा पानी पीया था। शिवसेना (शिंदे) गुट के हिंगोली से सांसद हेमंत पाटील ने मराठा आरक्षण के समर्थन में सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। दरअसल पाटील के पास रविवार को आरक्षण समर्थक पहुंचे तो उन्होंने उसी समय लोकसभा अध्यक्ष के नाम से पत्र लिखकर अपने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। पाटील ने अध्यक्ष को पत्र में लिखा कि मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का मुद्दा कई वर्षों से लंबित है और इसको लेकर मराठा समुदाय की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। इसलिए मैं मराठा आरक्षण आंदोलन का समर्थन करता हूं।
क्या सरकार मराठा समाज के मृतदेह पर आरक्षण का आदेश निकालेगी- ठाकरे
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि मनोज जरांगे पाटील की मांगों को सरकार को जल्द पूरा करना चाहिए। पवार ने कहा कि दूसरे समाज के आरक्षण को काटे बगैर मराठाओं को आरक्षण मिलना चाहिए। राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा कि सरकार मराठाओं को आरक्षण देने के लिए गंभीर नहीं दिख रही है। शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मनोज जरांगे पाटील की तबीयत पर चिंता जाहिर करते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या सरकार मराठा समाज के मृतदेह पर आरक्षण का आदेश निकालेगी? ठाकरे ने कहा कि सरकार मन की बात करती है लेकिन उसका मन निर्दयी है। राज्य सरकार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर आरक्षण का आदेश निकालना चाहिए।